लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
जातिप्रथा विरोधी, समाज सुधारक दंपत्ति ज्योतिराव गोविंदराव फुले और सावित्री बाई फुले के जीवन पर आधारित फिल्म 'फुले' का प्रदर्शन स्थगित किए जाने पर राजनीति गरमा गई है। केंद्र सरकार से फिल्म की रिलीज को रोके जाने के विरोध में आम आदमी पार्टी की यूपी इकाई सोमवार को प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी। प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र सिंह ने बताया कि फुले फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज होनी थाी। लेकिन पिछड़ा और दलित विरोधी केंद्र की मोदी सरकार ने अपने सेंसर बोर्ड के माध्यम से इस फिल्म पर रोक लगवा दी है। इस अलोकतांत्रिक कदम के विरोध में आम आदमी पार्टी लखनऊ सहित पूरे यूपी में विरोध प्रदर्शन और राज्यपाल को ज्ञापन देगी।
संजय सिंह ने केन्द्र सरकार पर बोला था हमला
इससे पहले 16 अप्रैल को राज्यसभा सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह ने फुले फिल्म पर रोक लगाए जाने पर केन्द्र सरकार पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि था यह सेंसरशिप केवल एक फिल्म पर नहीं, बल्कि पूरे दलित आंदोलन और सामाजिक न्याय के मूल्यों पर हमला है। जब ‘कश्मीर फाइल्स’ और ‘केरल स्टोरी’ जैसी नफरत फैलाने वाली फिल्मों को सरकार प्रचारित करती है, तब ‘फूले’ जैसी ऐतिहासिक, संवेदनशील और प्रेरणादायक फिल्म को रोका जाना एक सोची-समझी राजनीतिक साजिश है।
भाजपा की असल सोच उजागर
संजय सिंह के मुताबिक, इस फिल्म के निर्देशक ब्राह्मण समुदाय से हैं। उन्होंने समाज के सभी पक्षों को निष्पक्ष रूप से दिखाया है। यह घटना भारतीय जनता पार्टी की असल सोच को उजागर करती है। एक ओर वे संविधान, बाबा साहेब और दलित अधिकारों की बातें करते हैं, और दूसरी ओर जब कोई फिल्म समाज के शोषण के खिलाफ आवाज उठाती है, तो उसे सेंसर के बहाने रोका जाता है। यह दोहरापन अब देश से छुपा नहीं है।