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UP News : Electricity क्षेत्र में बड़े बदलाव की जरूरत, मुख्य सचिव बोले-उपभोक्ताओं और किसानों के हित में विद्युत वितरण रिफॉर्म्स

मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि यदि भारत को विकसित राष्ट्र की दिशा में आगे बढ़ना है तो ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव अपरिहार्य हैं। इस अवसर पर अन्य राज्यों से आए विशेषज्ञों ने अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए सफल सुधारों और निजीकरण के अनुभवों को साझा किया।

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Abhishek Mishra
 Chief Secretary says power sector need major changes

उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली सेवा मुहैया कराने के लिए लखनऊ के गोमती नगर में सेमिनार आयोजित किया गया

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में बेहतर और सुचारु बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उपभोक्ताओं को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली सेवा मुहैया कराई जाए। इसके लिए आवश्यक सभी सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। इसी दिशा में शनिवार को राजधानी लखनऊ के गोमती नगर में सेमिनार आयोजित किया गया, जिसमें विद्युत वितरण क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख संस्थाओं और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। इस विचार-विमर्श का उद्देश्य वितरण व्यवस्था में सुधार और निजी भागीदारी के विभिन्न पहलुओं पर मंथन करना था।

बिजली क्षेत्र में ठोस रिफॉर्म्स की जरूरत

प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सेमिनार में कहा कि उत्तर प्रदेश की प्रगति और जनता के जीवनस्तर में सुधार के लिए बिजली क्षेत्र में ठोस रिफॉर्म्स की जरूरत है। उन्होंने विशेष रूप से दक्षिणांचल और पूर्वांचल डिस्कॉम्स के बारे में कहा कि इन क्षेत्रों में सुधार के लिए सरकार ने निर्णय लिए हैं। मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि यदि भारत को विकसित राष्ट्र की दिशा में आगे बढ़ना है तो ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव अपरिहार्य हैं। इस अवसर पर अन्य राज्यों से आए विशेषज्ञों ने अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए सफल सुधारों और निजीकरण के अनुभवों को साझा किया, जिससे उत्तर प्रदेश को भी लाभ मिल सके।

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ग्रामीण क्षेत्रों में प्राप्त हो अनवरत विद्युत

मुख्य सचिव ने कहा कि विद्युत व्यवस्था को बेहतर करने के लिए हमें टफ और सेंसिटिव निर्णय लेने होंगे। प्रदेश में रूरल डॉमेस्टिक कंज्यूमर्स की बड़ी संख्या है। प्रदेश में 75 प्रतिशत भूमि पर कृषि की जाती है। इसमें विद्युत का अत्यंत महत्व है। इसी तरह प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक विकास के लिए भी बाधारहित विद्युत आपूर्ति बहुत आवश्यक है। सभी क्षेत्रों खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों को भी अनवरत विद्युत प्राप्त हो, इसके लिए जूरूरी है कि निजी क्षेत्र को वितरण में भागीदार बनाया जाए। कृषि क्षेत्र को अच्छी सिंचाई सुविधा मिले, लोगों के रहन-सहन, कृषि आय बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना के लिए दक्षिणांचल एवं पूर्वांचल डिस्कॉम का रिफॉर्म और निजी क्षेत्र की सहभागिता के लिए कार्य किया जा रहा है। इसमें उपभोक्ता, उद्योगों और कार्मिकों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। 

रिफॉर्म्स उपभोक्ताओं तथा किसानों के हित में

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मुख्य सचिव ने कहा कि कोई भी रिफॉर्म होता है तो शुरुआत में लोग उसका विरोध करते हैं, लेकिन जब इससे उनके जीवन में सुधार होता है तो वो इसे पसंद करते हैं। उन्होंने ग्रेटर नोएडा का उदाहरण देते हुए कहा कि अब लोग एनपीसीएल का कनेक्शन लेना चाहते हैं। इसी तरह, दुनिया या देश में जहां कहीं भी रिफॉर्म्स हुए हैं, लोगों ने इसे पसंद किया है। इससे आपूर्ति में सुधार हुआ है, लाइन हानियां कम हुई हैं। उन्होंने कहा कि हमने जो प्रक्रिया शुरू की है, उसे बिना डरे, बिना रुके लक्ष्य तक पहुंचाना है। हमें किसी के विरोध के कारण दबाव में नहीं आना है। प्रदेश के उपभोक्ताओं तथा किसानों के हित में जो भी जरूरी है वह करना है। 

पावर सेक्टर में रिफॉर्म्स समय की मांग 

प्रमुख सचिव ऊर्जा नरेंद्र भूषण ने कहा कि दिल्ली, उड़ीसा, चंडीगढ़ समेत देश के कई हिस्सों में विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए रिफॉर्म्स और निजीकरण किया गया है जो बेहद सफल भी रहा है। पावर सेक्टर में रिफॉर्म्स आज की मांग है। रिफॉर्म्स के लिए शॉर्ट टर्म बेनिफिट्स की बजाए हमें लांग टर्म बेनिफिट्स के बारे में सोचना होगा। यह एक अपॉच्युर्निटी है, जो बेहतर भविष्य के लिए आवश्यक है। इन रिफॉर्म्स में कंज्यूमर्स, अन्नदाता किसान, उद्योगों के साथ-साथ कार्मिकों का भी सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। हमारा उद्देश्य हर क्षेत्र में बाधारहित 24 घंटे विद्युत आपूर्ति तो है ही, साथ ही यह अफोर्डेबल हो यह भी आवश्यक है।

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पूरी तरह पारदर्शी होगी रिफॉर्म की प्रक्रिया

यूपीपीसीएल के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया है। सभी डिस्कॉम्स को सुदृढ़ करने के लिए सरकार प्रयासरत है। खासकर दक्षिणांचल और पूर्वांचल जैसे डिस्कॉम्स में सुधार की तत्काल आवश्यकता है। अध्यक्ष ने कहा कि दोनों डिस्कॉम अन्य की तुलना में बहुत पीछे है। उन्होंने कहा कि रिफॉर्म की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और सभी निर्धारित मानकों के अनुरूप की जा रही है। इसमें उपभोक्ता और कार्मिकों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। 

साझा की सक्सेस स्टोरीज 

ओडिशा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के पूर्व चेयरमैन उपेंद्र नाथ बथेरा ने ओडिशा में निजीकरण की सक्सेस स्टोरी साझा की। उन्होंने बताया कि दो दशक में विभिन्न चुनौतियों को पार करते हुए ओडिशा ने अपनी यात्रा को पूरा किया है। इसका लाभ आज हर सेक्शन को मिल रहा है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करने के साथ ही रिफॉर्म्स के लिए कई सुझाव भी दिए। इसी तरह, आईएसए के डीजी आशीष खन्ना ने भी विभिन्न राज्यों और देशों में बिजली रिफॉर्म्स के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने रिफॉर्म्स के लिए मजबूत राजनीतिक समर्थन को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि रिफॉर्म्स करते वक्त ट्रांसपेरेंसी सबसे आवश्यक है। 

उपभोक्ताओं को बेहतर मेंटेनेंस

टाटा पावर के प्रतिनिधि ने कहा कि दिल्ली सहित जहां-जहां भी हम विद्युत आपूर्ति कर रहे हैं वहां विद्युत कार्मिक और विद्युत उपभोक्ता दोनों खुश हैं। पहले से बेहतर कार्मिकों को तरक्की और काम करने का अवसर मिल रहा है। एक तरफ उपभोक्ताओं को जहां समय से बिल  मिलता है, बेहतर मेंटेनेंस होती है, विद्युत आपूर्ति बेहतर है, वहीं पर कार्मिकों को भी बेहतर सुविधाएं मिलती है और तरक्की के भी अवसर हैं। सेमिनार में प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने भी अपने विचार रखे।

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