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ड्रॉपआउट बच्चों को फिर से स्कूलों से जोड़ा जाएगा।
लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में शिक्षा से वंचित बच्चों को दोबारा मुख्यधारा में लाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने बड़ी पहल की है। प्रदेश भर में 7 से 14 वर्ष आयु वर्ग के 68 हजार 913 आउट ऑफ स्कूल बच्चों की पहचान की गई है, जिन्हें फिर से स्कूलों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए व्यापक स्तर पर नामांकन अभियान चलाया जाएगा।
1 अगस्त से विशेष प्रशिक्षण
नामांकन के बाद इन बच्चों के लिए 1 अगस्त से 31 मार्च 2026 तक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा ताकि उनकी छूटी हुई पढ़ाई को पूरा कराया जा सके। इस कार्य के लिए पूर्व शिक्षकों या योग्य स्वयंसेवकों की नियुक्ति की जाएगी। इन्हें प्रति माह चार हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
सभी अधिकारियों के लिए निर्देश जारी
राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा ने इस संबंध में सभी बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी), बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) और डीसी (जिला समन्वयक) को निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के अनुसार, एक से पांच आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या होने पर विद्यालय के नोडल शिक्षक द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
शिक्षकों का होगा चयन
निदेशक ने बताया कि पांच से अधिक बच्चों की स्थिति में विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) के माध्यम से विशेष प्रशिक्षक (सेवानिवृत्त शिक्षक या वॉलिंटियर) का चयन किया जाएगा। शिक्षा विभाग का यह अभियान न केवल ड्रॉपआउट बच्चों को दोबारा शिक्षा से जोड़ने का कार्य करेगा, बल्कि समाज में शिक्षा के महत्व को भी मजबूत करेगा।