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बिजली विभाग में छंटनी और दो डिस्काम के निजीकरण का विरोध Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।बिजली कंपनियों में छंटनी के विरोध में संविदा कर्मचारियों ने मंगलवार को मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (एमवीवीएनएल) मुख्यालय के गेट पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकरियों ने एमडी मध्यांचल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनके कार्यालय का घेराव किया। संविदा कर्मियों का आरोप है कि प्रबंध निदेशक रिया केजरीवाल पूर्व एमडी के आदेशों का पालन नहीं कर रही हैं। वह मानमाने तरीके से आउटसोर्स कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं।
कर्मचारियों की कमी से बिजली आपूर्ति होगी प्रभावित
यूपी पावर कॉरपोरेशन निविदा–संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि 2017 में उपकेंद्रों पर ग्रामीण क्षेत्रों में 20 और शहरी क्षेत्रों में 36 कर्मचारियों की तैनाती का आदेश जारी हुआ था। एमडी रिया केजरीवाल ने इसे घटा दिया है। उपभोक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी और कर्मचारियों की कमी से काम का बोझ बढ़ेगा। ऐसे में बिजली कर्मचारियों के साथ हादसों और उपभोक्ताओं की दिक्कतें भी बढ़ेंगी। चेतावनी दी कि अगर छंटनी नहीं रुकी तो बिजली व्यवस्था प्रभावित होगी।
निजीकरण के विरोध में अनशन जारी
बिजली के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। शक्ति भवन मुख्यालय पर मंगलवार को पांचवें दिन बिजली कर्मचारियों का क्रमिक अनशन जारी रहा। इस दौरान प्रदेश की कई विद्युत परियोजनाओं के कर्मचारी भी अनशन में शामिल हुए। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य ओवेश खान ने कहा कि सभी सरकारी विभागों में तेजी से निजीकरण किया जा रहा है। अब बिजली विभाग भी उसी दिशा में बढ़ रहा है। जिसका हम विरोध कर रहे हैं।