यूपी की राजधानी लखनऊ में ट्रैफिक जाम की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। शहर के प्रमुख चौराहों और मार्गों पर जाम लगना आम बात हो गई है, जिससे न सिर्फ लोगों को भारी परेशानी हो रही है। बल्कि समय की बर्बादी के साथ, ईंधन खर्च भी बढ़ रहा है।
यातयात व्यवस्था बदहाल
सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ शहर ट्रैफिक को जाम मुक्त रखने के कई बार निर्देश दे चुके हैं और ट्रैफिक संभालने में लापरवाह साबित हुए पुलिस कर्मियों पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई भी हुई लेकिन लखनऊ को ट्रैफिक जाम मुक्त रखना। प्रशासन के लिए अब चुनौती बनाता जा रहा है।
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जाम के मुख्य का कारण
अव्यवस्थित यातायात प्रबंधन: ट्रैफिक सिग्नल ठीक से काम नहीं करते और कई जगहों पर ट्रैफिक पुलिस की गैरमौजूदगी जाम को और बढ़ा देती है।
अवैध पार्किंग और अतिक्रमण: सड़क किनारे अवैध रूप से खड़े वाहनों और दुकानों के कारण सड़कों की चौड़ाई कम हो गई है।
बढ़ते वाहन: शहर में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन सड़कों का विस्तार नहीं हो रहा।
निर्माण कार्य: कई जगहों पर चल रहे निर्माण कार्यों के कारण ट्रैफिक डायवर्जन होता है, जिससे जाम की स्थिति और खराब हो जाती है।
जनता की परेशानी
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सुबह हो या शाम लोगों को ऑफिस, स्कूल, अस्पताल पहुंचने में देरी हो रही है। एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाओं को भी जाम के कारण भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अयोध्या मार्ग पर लगा जा
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प्रशासन का क्या है रुख ?
यातायात पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को सुधारने के लिए कई बार योजनाओं की घोषणा की है, लेकिन उनका प्रभाव जमीन पर नजर नहीं आ रहा। कई चौराहों पर ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए बैरिकेड लगाकर डायवर्सन लागू किया गया है। लेकिन इस प्रक्रिया से जाम पर कोई खास फर्क पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है। हालांकि एक चौराहे का ट्रैफिक दूसरे चौराहे दबाव ज़रूर बनाए दे रहा है।
क्या हो सकते हैं समाधान?
1. सख्त ट्रैफिक नियम लागू करना।
2. सड़कों से अतिक्रमण हटाना।
3. सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना।
4. यातायात पुलिस की संख्या बढ़ाना।
5. जनता के लिए जागरूकता अभियान चलाना।
लखनऊ की जनता अब इस समस्या के समाधान की उम्मीद कर रही है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि लखनऊ की सड़कों पर राहत मिल सके।