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PUVVNL-dvvnl Privatization Photograph: (Social Media)
बिजली के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने महाकुंभ तक कोई आंदोलन न करने का फैसला किया है। 23 फरवरी को नागपुर में राष्ट्रीय स्तर के आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। संघर्ष समिति के राजीव सिंह ने बताया कि 23 फरवरी को नागपुर में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स का अखिल भारतीय सम्मेलन होगा। इसमें देश के सभी बिजली कर्मियों के फेडरेशन के प्रांतों के पदाधिकारी शामिल होंगे। सम्मेलन में उत्तर प्रदेश में चले रहे बिजली के निजीकरण के विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी
निजीकरण से देश भर के 27 लाख बिजली कर्मी आक्रोशित
राजीव सिंह कहा कि चंडीगढ़ के निजीकरण से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है। अब उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार अवैधानिक ढंग से बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया चलाई जा रही है, उससे देश भर के 27 लाख बिजली कर्मी आक्रोशित हैं।
उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग को दिया प्रतिवेदन
ट्रांजेक्शन एडवाइजर की सेवा शर्तों में हितों के टकराव के मानक को लेकर दी गई शिथिलता को उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीबीसी) की गाइडलाइन का उल्लंघन बताया है। मामले में परिषद अध्यक्ष ने विद्युत नियामक आयोग को प्रतिवेदन सौंपा है।
पावर कॉरपोरेशन उत्पन्न कर रहा विवाद
परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने मुताबिक, यूपीपीसीएल लगातार एनर्जी टास्क फोर्स से अलग-अलग नियम मंजूर कराकर विवाद पैदा कर रहा है। एनर्जी टास्क फोर्स चंडीगढ़ की व्यवस्था के आधार पर अपनी कार्यवाही को बढ़ा रहा है। चंडीगढ़ में 2.38 लाख विद्युत उपभोक्ता हैं। जबकि यूपी के दक्षिणांचल व पूर्वांचल के 42 जिलों में लगभग 1.62 करोड़ से ज्यादा विद्युत उपभोक्ता हैं।