लखनऊ,वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) के निजीकरण का यूपी विद्युत मजदूर संगठन ने कड़ा विरोध किया है। इस सम्बंध में रविवार को नरही स्थित हम्बरा अपार्टमेंट में संगठन की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें निजीकरण के खिलाफ हर स्तर पर आंदोलन करने का एलान किया किया गया। साथ ही निजीकरण प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करने की मांग उठाई गई।
निजीकरण का फैसला तत्काल लिया जाये वापस
प्रदेश अध्यक्ष विमल चंद्र पांडेय ने कहा कि निजीकरण से बिजली दरें महंगी होंगी। कर्मचारियों की छंटनी होगी। इसका सीधा असर किसी न किसी रूप में किसानों सहित आम आदमी पर पड़ेगा। संविदा कर्मियों के लिए यह स्थिति और भी भयावह होगी। क्योंकि निजीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद हजारों संविदा कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। संविदा कर्मियों की छंटनी शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन शुरू किया जाएगा।
हर स्तर पर विरोध का एलान
मजदूर नेता आरएसराय ने कहा कि प्रबंधन की ओर से जारी निविदा पत्र में निजीकरण की बात बार-बार लिखी गई है। इससे स्पष्ट है कि कार्पोरेशन प्रबंधन बिजली व्यवस्था में सुधार नहीं बल्कि निजीकरण के लिए ही सभी प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि निजीकरण को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जायेगा। इसके खिलाफ हर स्तर पर कड़ा विरोध होगा।
ये रहे मौजूद
इस दौरान श्री चन्द्र मुख्य महामंत्री, अरुण कुमार, शोएब हसन, आरसी पाल, इंद्रेश राय, हामिद रजा, राहुल कुमार, जितेंद्र कुमार, अजय भट्टाचार्य, अभिषेक सिंह, अवनीश श्रीवास्तव, सतीश तिवारी, उदयभान दुबे, राजीव रंजन राय, आरिफ वेग, विनोद कुमार, अहमद अली, अरविंद कुमार, मनीष श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।