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लखनऊ जंक्शन पर रेलवे के रनिंग स्टाफ ने अपनी मांगों को लेकर 36 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठा है। रेलवे कर्मचारी शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करते हुए रेलवे प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। धरने में "रेलवे प्रशासन मुर्दाबाद" और "रेलवे प्रशासन होश में आओ" जैसे नारे गूंज रहे हैं। चारबाग रेलवे स्टेशन पर भी रनिंग स्टाफ का विरोध प्रदर्शन जारी है। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल से करीब पंद्रह सौ लोको पायलट और आठ सौ गार्ड तथा उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल से 2200 लोको पायलट और पंद्रह सौ गार्ड इस प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं। कुल मिलाकर लगभग छह हजार कर्मचारी अलग-अलग स्टेशनों पर आंदोलन कर रहे हैं।
कर्मचारियों ने की टॉयलेट सुविधा और पर्याप्त रेस्ट की मांग
ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) के ब्रांच अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह ने कहा कि लोको पायलटों को पर्याप्त अवकाश नहीं मिल पा रहा है। अन्य सरकारी कर्मचारियों को 46 घंटे का साप्ताहिक अवकाश मिलता है, जबकि रनिंग स्टाफ को केवल 16 घंटे का समय दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोको पायलटों को 14 घंटे में ही जगा दिया जाता है, जबकि रनिंग रेस्ट भी 8 घंटे की बजाय 6 घंटे कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्टाफ की कमी के कारण यह समस्या हो रही है। लोको में टॉयलेट की सुविधा न होने से लंबे रूट्स पर लोको पायलटों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
जीरो एक्सीडेंट मिशन पर भी पड़ेगा असर
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि पर्याप्त आराम न मिलने से रेलवे के "जीरो एक्सीडेंट" मिशन पर भी असर पड़ सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि 50 प्रतिशत डीए बढ़ने के बावजूद अन्य कर्मचारियों के भत्ते बढ़ा दिए गए, लेकिन रनिंग स्टाफ का किलोमीटर अलाउंस अब तक नहीं बढ़ाया गया है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
कर्मचारियों ने रखीं प्रमुख मांगें
आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के सेक्रेटरी आर.एस. महतो ने कहा कि 70 प्रतिशत किलोमीटर भत्ते को आयकर से मुक्त किया जाए। साथ ही, उन्होंने एनपीएस और यूपीएस पेंशन योजनाओं को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने की मांग की।
डीआरएम को सौंपेंगे ज्ञापन
हाई पॉवर कमेटी (HPC) की रिपोर्ट के अनुसार, रात की ड्यूटी को दो रातों तक सीमित करने की भी मांग की गई है। प्रदर्शन के दौरान रनिंग स्टाफ ने डीआरएम को ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।