लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। प्रयागराज के बहुचर्चित तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड (Raju Pal Murder Case) में सजा काट रहे तीन अपराधियों की जेल बदलने का आदेश जारी किया गया है। तीनों को प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से प्रदेश के अन्य जेलों में स्थानांतरित किया जाएगा। राजू पाल की पत्नी पूजा पाल की मांग पर शासन ने यह फैसला किया है। पूजा ने इन तीनों से अपनी जान का खतरा बताया है।
इन जेलों में भेजे गए हत्यारे
आदेश के अनुसार, प्रयागराज की नैनी जेल में बंद आबिद पुत्र बच्चा मुंशी उर्फ अनवारुल हक को बागपत जेल, जावेद उर्फ जाबिर पुत्र बचऊ को अलीगढ़ जेल और गुलहसन पुत्र मुख्तार को आगरा जेल भेजा जाएगा। इन पर जेल में रहकर अतीक अहमद के गैंग का संचालन करने और कई तरह की आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का भी आरोप है।
कैसे हुई थी राजू पाल की हत्या?
साल 2004 में राजू पाल बसपा के टिकट से विधायक चुने गए थे। उस चुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी और अतीक अहमद का भाई अशरफ हार गया था। नतीजों के तीन महीने के अंदर ही 25 जनवरी 2005 को राजू पाल एसआरएन हॉस्पिटल से निकले थे। उनके काफिले में एक क्वालिस और एक स्कॉर्पियो कार थी। क्वालिस कार खुद राजू पाल चला रहे थे। सुलेम सराय में अतीक गैंग ने राजू पाल को गोलियों से भून दिया था। पिछले साल राजू पाल हत्याकांड में लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने सात आरोपियों को दोषी करार देते हुए छह को उम्रकैद और एक को चार साल की सजा सुनाई थी। पुलिस हिरासत में मारे गए अतीक अहमद और अशरफ भी राजू पाल हत्याकांड में नामजद थे।