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रौनक ए रमज़ान : खाने-पीने से लेकर इत्र की दुकानों पर खरीदारों की भीड़

मुसलमानों का पाक और मुकद्दस महीना रमज़ान लोगों के लिए इबादत के साथ बरकत भी लाता है। इस महीने जहां रोज रखकर लोग इबादत करते है वहीं चांद रात से पहले खूब खरीदारी भी होती है।

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Mohd. Arslan
रमज़ान पर सजी बाज़ार

रमज़ान पर सजी बाज़ार Photograph: (YBN )

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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रहमतों, इबादतों और बरकतों के महीने रमज़ान में अब कुछ और दिन ही शेष है। लोगों में जहां इस पाक महीने के रुखसत होने की मायूसी है वहीं ईद के आने की भी खुशी है। नवाबों की नगरी लखनऊ में ईद से पहले बाजारों में अलग ही रौनक देखी जा रही है। पूरे साल कारोबारी इस एक महीने का खास इंतेज़ार करते है और शहर की अलग अलग बाजारों में लोगों की भीड़ ईद के त्यौहार की खरीदारी करने के लिए उमड़ पड़ती है।

चौक, अमीनाबाद में आधी रात तक बाज़ार गुलज़ार

लखनऊ में जहां खाने के शौकीनों के लिए जन्नत सजती है वहीं औरतों के लिए कपड़े और गहनों की बाज़ार भी खूब रौनक समेटे है। पुराने लखनऊ के अकबरिगेट पर कुलचे निहारी से लेकर कबाब पराठा और बिरयानी के साथ पसींदे शहरवासियों के पसंदीदा खाने बने हुए है। आम दिनों में जहां होटलों में रात 10 बजे ताला डल जाता है वहीं सुबह 4 बजे तक खाने के शौकीनों की लाइनें लगी है। आलम यह है कि खाने के होटलों में खाना खत्म हुआ जा रहा लेकिन ग्राहकों की कमी नहीं हो रही। अमीनाबाद में इत्र की महक ने लोगों को दीवाना कर दिया है। बड़े ब्रांड्स इन दिनों लोगों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए देर रात तक जगमगा रहे है। ऊद और शामामा के चाहने वाले यहां पहुंचकर इत्र की खरीदारी कर रहे है। इस्लाम में इत्र को सुन्नत माना गया है और बड़े पैमाने पर लोग खुशबू लगाकर ईद की नमाज़ अदा करते है।

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चाय की कैंटीनों पर सुनाए जा रहे किस्से

पुराने लखनऊ के नक्खास और हुसैनाबाद इलाके में चाय की चुस्कियों के साथ रात गुज़र रही। तरावीह और नमाज़ो से फारिग होकर लोग चाय की दुकानों पर दोस्ती को और गहरा रंग दें रहे। मौसम में भले ही गर्मी महसूस होने लगी हो लेकिन दोस्तो के साथ इस रमज़ान चाय के गिलास खूब खाली हो रहे। नक्खास में पहनने वाले चिकन के साथ खाने वाले चिकन की भी खूब मांग बढ़ गई है। 

चांद रात पर नहीं होते तिल रखने की जगह

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हर साल रमज़ान का महीना खत्म होते ही ईद का त्यौहार मनाया जाता है। इस ईद के चांद के दीदार के साथ ही चांद रात का आगाज़ होता है। चांद रात में नक्खास, अकबरिगेट, चौक, हुसैनाबाद, अमीनाबाद, नजीराबाद में तिल रखने की जगह नहीं होती। मौलवीगंज में कुर्ता पायजामा के साथ चप्पल और सैंडल खरीदने के लिए लोगों की भीड़ रात तक खरीदारी करती। पाक और मुकद्दस महीना रमज़ान जहां लोगों की नेकियों में इज़ाफ़ा करता है वहीं इस पाक महीने में कारोबार में भी अल्लाह की बरकत बरसती है।

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