लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पांच साल के लंबे इंतजार के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra) का रास्ता फिर से खुल गया है। विदेश मंत्रालय की ओर से आयोजित इस यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 13 मई तक होंगे। इसके बाद आवेदन पोर्टल बंद हो जाएगा। कैलाश मानसरोवर सेवा समिति के अध्यक्ष केके सिंह ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा 30 जून से 25 अगस्त तक उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रा और सिक्किम के नाथू ला के रास्ते होगी।
पांच से 10 जत्थे यात्रा करेंगे
केके सिंह के अनुसार पांच जत्थे लिपुलेख के रास्ते और 10 जत्थे नाथूला दर्रे के जरिए यात्रा करेंगे। हर जत्थे में 50 यात्री शामिल होंगे। 22 दिनों की यात्रा में 1.80 लाख से 2.85 लाख तक का खर्च आएगा। 2020 के बाद से चीन से तनाव की वजह से यह यात्रा बंद थी। यह तीर्थ यात्रा हिंदुओं के साथ-साथ जैन और बौद्धों के लिए भी धार्मिक महत्व रखती है।
आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण
समिति के महासचिव आरएस भदौरिया ने बताया कि भगवान शिव के निवास के रूप में पहचाने जाने वाले कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए केन्द्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (http://kmy.gov.in./) पर पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य जानकारी के लिए आशुतोष अग्रवाल (मो. 9454412050), आरएस भदौरिया (मो. 9838753938) तथा एमपी पाठक (मो. 9451307249) से संपर्क कर सकते हैं।
कितने किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है?
कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान कैलाश पर्वत की परिक्रमा लगभग 52 से 55 किलोमीटर की होती है। यह तीन दिनों में पूरी की जाती है। यह यात्रा 4,600 मीटर ऊंची तारबोचे घाटी से शुरू होती है। यात्रा में मानसरोवर झील की परिक्रमा भी शामिल होती है। जो 320 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है।
कौन कर सकता है आवेदन?
कैलाश मानसरोवर यात्रा वैध भारतीय पासपोर्ट रखने वाले पात्र भारतीय नागरिकों के लिए खुली है। जो धार्मिक उद्देश्यों के लिए कैलाश मानसरोवर जाना चाहते हैं।
कौन से दस्तावेज साथ ले जाएं?
- साधारण भारतीय पासपोर्ट।
फोटो: रंगीन, पासपोर्ट आकार।
- क्षतिपूर्ति बांड 100 रुपये के गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर पर निष्पादित किया जाएगा।
- आपातकालीन स्थिति में हेलीकॉप्टर द्वारा निकासी का वचन।
- चीनी पक्ष में मृत्यु की स्थिति में पार्थिव शरीर के दाह संस्कार के लिए सहमति प्रपत्र।