नगर निगम की लापरवाही, ठेकेदार नहीं दे रहे हेलमेट, दस्ताने व सुरक्षा बूट
लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। नगर निगम की ओर से नाला सफाई में लापरवाही बरतें जाने का मामला सामने आया है। इन दिनों शहर में बड़े नालों की सफाई कराई जा रही है लेकिन इस काम में लगे सफाई कर्मियों की सुरक्षा को पूरी तरह से नजर अंदाज किया जा रहा है। सफाई कार्य एजेंसी और नगर निगम के अधिकारी सफाई कर्मियों को न तो हेलमेट दे रहे हैं न दस्ताने और न ही सुरक्षा बूट। इन हालात में सफाई कर्मी जान जोखिम में डालकर बड़े-बड़े नालों में उतर रहे हैं। जहां हेलमेट व दस्ताने दे रहे हैं वहां गहरे नाले की जहरीली गैस जानलेवा साबित हो सकती है।
नगर निगम को बड़ी दुर्घटना का इंतजार
कर्मचारियों ने चिंता जताई कि इस तरह से सफाई होने पर बड़ा हादसा हो सकता है। बिना हेलमेट के नालों में घुसना जानलेवा साबित हो सकता है। आरोप है कि क्या नगर निगम किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है? सफाई कर्मियों की सुरक्षा को लेकर जवाबदेही तय होनी चाहिए। साफ-सफाई जरूरी है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी उन्हें बचाना है, जो शहर को साफ रखने में दिन-रात लगे हुए हैं। नगर निगम की ओर से नालों की सफाई पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
जोन दो और चार में चल रही नालों की सफाई
जोन दो के लेबर कॉलोनी वार्ड में गहरे नाले की सफाई चल रही है। यह नाला लगभग 10 फीट गहरा है। इसकी सफाई में बेहद जोखिम है। यहां सफाई कर्मी सिर्फ हेलमेट और जैकेट पहनकर गहरे नाले में उतरे हैं। जबकि जहरीली गैसें (हाइड्रोजन सल्फाइड आदि) की जांच किए बिना सफाई कर्मचारियों का गहरे नाले में उतरना जानलेवा भी हो सकता है। वहीं जोन 4 के लोहिया अस्पताल के पास गहरे नाले की सफाई बगैर किसी सुरक्षा उपकरण के कराई जा रही है, जिससे उनकी जान पर बन आई है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो में साफ देखा जा सकता है कि सफाई कर्मी न तो बूट पहने हैं, न ही ग्लव्स और मास्क। ऐसे में बिना किसी सुरक्षा के नाले में उतरकर काम करना न सिर्फ नियमों की अनदेखी है। बल्कि मजदूरों के जीवन से खिलवाड़ भी है। पूरे शहर में नाला सफाई के लिए 17 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया था। सफाई के ठेकेदार सफाई मजदूरों को जरूरी सामान नहीं मुहैया करा रहे हैं।