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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों ने गुरुवार को लखनऊ स्थित शिक्षा निदेशालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। इन शिक्षकों की मांग है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग जल्द से जल्द ऑफलाइन ट्रांसफर सूची (तबादला सूची) जारी करे। प्रदर्शनकारी शिक्षकों का कहना है कि विभाग ने पहले स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी कराई, शासनादेश भी जारी किया, लेकिन अब तक सूची जारी नहीं की गई है।
30 जून तक सूची जारी करने का दिया था आश्वासन
प्रदर्शन स्थल पर जुटे शिक्षकों ने आरोप लगाया कि विभाग ने अप्रैल-मई में तबादले की प्रक्रिया पूरी कराई थी और आश्वासन दिया गया था कि 30 जून तक सूची जारी कर दी जाएगी। इसके बाद अब अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ 'विशेष परिस्थितियों' में ही ऑफलाइन तबादले किए जाएंगे। इस निर्णय से शिक्षक खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
मानसिक तनाव में शिक्षक
धरना दे रहे शिक्षकों ने बताया कि उन्होंने नई तैनाती के अनुसार अपने बच्चों के दाखिले भी करा लिए और परिवार को भी स्थानांतरित कर दिया है। अब तबादला आदेश न मिलने से वे मानसिक तनाव में हैं। एक शिक्षक ने कहा कि हमने तो पहले ही सब कुछ समेटकर नई जगह शिफ्ट कर दिया, अब विभाग कह रहा है कि सूची नहीं आएगी। क्या ये शिक्षक के साथ अन्याय नहीं?
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अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा ने बताया कि 7 जून को जारी शासनादेश के अनुसार करीब 1500 से अधिक शिक्षकों की तबादला संबंधित फाइलें निदेशालय में जमा हैं। इनमें से बड़ी संख्या में फाइलें जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) और संयुक्त निदेशक (JD) कार्यालयों में अब भी लंबित हैं। उन्होंने कहा कि संगठन कई बार उच्च अधिकारियों से मिलकर ज्ञापन दे चुका है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे शिक्षकों में गहरा आक्रोश है।
बिना ट्रांसफर आदेश लिए नहीं लौटेंगे शिक्षक
संघ के महामंत्री राजीव यादव ने कहा कि आमतौर पर शिक्षक आंदोलन नहीं करते, लेकिन इस बार हालात ने उन्हें मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब ऑनलाइन ट्रांसफर की प्रक्रिया पहले से चल रही थी, तब ऑफलाइन फॉर्म क्यों भरवाए गए? अब हमें यह स्पष्ट चाहिए कि सूची कब जारी होगी।
न्याय न मिलने तक निदेशालय पर डटे रहेंगे
संघ का कहना है कि पहले यह धरना 14 जुलाई को तय था, लेकिन माध्यमिक शिक्षा मंत्री के एक्सीडेंट के कारण मानवीय दृष्टिकोण से इसे टाल दिया गया। अब शिक्षक पूरी तैयारी के साथ प्रदर्शन पर डटे हुए हैं और जब तक तबादला सूची जारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा। धरना स्थल पर पहुंचे शिक्षक साफ कह रहे हैं कि वे बिना ट्रांसफर आदेश के वापस नहीं लौटेंगे। दूर-दराज जिलों से लखनऊ आए ये शिक्षक अपने खर्च पर आए हैं और जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक निदेशालय पर डटे रहेंगे।