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BBAU में बुद्ध पूर्णिमा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी, कुलपति ने विद्यार्थियों को बताए सफलता के तीन सूत्र

कुलपति प्रो राज कुमार ने कहा कि मौजूदा सम में विद्यार्थी कई चुनौतियों, प्रतिस्पर्धाओं और मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। ऐसे में बुद्ध के विचार उन्हें सही दिशा दिखा सकते हैं।

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Deepak Yadav
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बीबीएयू में आयोजित संगोष्ठी में बोले कुलपति प्रो राज कुमार मित्तल Photograph: (YBN)

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय (BBAU) में सोमवर को बुद्ध पूर्णिमा पर आयोजित संगोष्ठी में कुलपति प्रो राज कुमार ने विद्यार्थी को गौतम बुद्ध के जीवन से प्रेरणा लेने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में विद्यार्थी कई चुनौतियों, प्रतिस्पर्धाओं और मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। ऐसे में बुद्ध के विचार उन्हें सही दिशा दिखा सकते हैं। उन्होंने छात्रों को ‘ऑब्जर्व, फॉलो और सी द बेनिफिट’ के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। जिसका मतलब है पहले गहराई से देखना, फिर जीवन में सकारात्मक सिद्धांतों को अपनाना, और अंततः उनके लाभ को अनुभव करना। इस प्रकार विद्यार्थी न केवल शैक्षणिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि मानसिक शांति एवं संतुलन भी बना सकते हैं। 

बीबीएयू में आयोजित संगोष्ठी में बोले कुलपति प्रो राज कुमार मित्तल

भगवान बुद्ध के आदर्श आज भी प्रासंगिक

'बौद्ध धर्म एवं भारतीय सभ्यता' पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस विक्टर बाबू ने बुद्ध पूर्णिमा को ज्ञान, करुणा और शांति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं। विद्यार्थियों को उनसे प्रेरणा लेकर जीवन में संतुलन और अनुशासन स्थापित करना चाहिए। लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रो. सुषमा त्रिवेदी ने कहा कि बुद्ध के मार्ग पर चलकर विद्यार्थी न केवल अकादमिक सफलता पा सकते हैं, बल्कि संतुलित, शांत और उद्देश्यपूर्ण जीवन भी जी सकते हैं। बीबीएयू की प्रो. शूरा दारापुरी ने बताया कि किस प्रकार बुद्ध पूर्णिमा का पावन दिन हमें भगवान गौतम बुद्ध के जीवन और उनके उपदेशों की याद दिलाता है। 

बीबीएयू में आयोजित संगोष्ठी में बोले कुलपति प्रो राज कुमार मित्तल

प्रतियोगिताओं के विजेता हुए पुरस्कृत

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दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आनंद सिंह ने प्राचीन भारत के अन्य देशों के साथ व्यापारिक संबंधों, भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की वैश्विक प्रभावशीलता, जावा एवं ताम्रलिप्ती में स्थापित प्राचीन विद्यालयों, संस्कृत भाषा के प्रति विद्यार्थियों की रुचि, चीनी यात्रियों फाह्यान एवं ह्वेनसांग के यात्रा विवरण और सांस्कृतिक सह-संबंधों का जिक्र किया। उन्होंने विद्यार्थियों को देश की संस्कृति, सभ्यता और भारतीय होने पर गर्व करने का संदेश दिया। कार्यक्रम के दौरान 13-14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। मंगलवार को प्रतिभागियों के लिए दो तकनीकी सत्रों का आयोजन किया जायेगा। विश्वविद्यालय परिसर में स्थित बोधि पार्क में अतिथियों को 'खटक' पहनाकर सम्मानित किया गया।

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