लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की 271वीं बोर्ड बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। इनमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निरस्त हो चुके आवंटनों को दोबारा जीवित करने की सुविधा दी गई है। परिषद के मुताबिक, ऐसे आवंटी जिन्हें फ्लैट अलॉट होने के बावजूद किस्त जमा नहीं करने के कारण निरस्त कर दिया गया था, अब उन्हें एक और अवसर मिलेगा। इस बार उन्हें पंजीकरण राशि के 40% के रूप में करीब 2000 रुपये पुनर्जीवन शुल्क जमा करना होगा और फ्लैट की पूरी राशि एकमुश्त देनी होगी। अभी तक यह सुविधा केवल एक माह के भीतर ही मिलती थी, लेकिन अब ऐसे आवंटियों को एक वर्ष तक का समय मिलेगा।
158 एकड़ में बनेगी इंटीग्रेटेड टाउनशिप
परिषद ने बाराबंकी जिले के नवाबगंज तहसील स्थित खजूरगांव व तिन्दोला गांव में 158.79 एकड़ भूमि पर शालीमार कॉर्प लिमिटेड को टाउनशिप विकसित करने की अनुमति दे दी है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश की टाउनशिप नीति-2023 के तहत लाई जा रही है। बिल्डर ने परियोजना स्थल की 90% जमीन का क्रय कर लिया है, जबकि दो एकड़ भूमि का अधिग्रहण परिषद द्वारा किया जाएगा। टाउनशिप की डीपीआर को भी मंजूरी मिल गई है और इसे पांच वर्षों में पूर्ण करना अनिवार्य होगा।
स्टेट कैपिटल रीजन में शामिल योजना
इस प्रोजेक्ट को प्रस्तावित स्टेट कैपिटल रीजन में शामिल किया गया है और इसकी योजना अंतरराष्ट्रीय स्तर की लैंडस्केप डिजाइन के अनुसार बनाई गई है। किसान पथ से इसकी सीधी कनेक्टिविटी इसे लखनऊ समेत अन्य शहरी क्षेत्रों से जोड़ती है। नियमों के अनुसार, बिल्डर को 20% ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के भवन भी विकसित करने होंगे
लीज अवधि में संशोधन
बोर्ड की बैठक में यह भी तय किया गया कि सरकारी एवं अर्द्धसरकारी विभागों को भूखण्ड लीज पर देने की स्थिति में अब 10% आरक्षित मूल्य लेकर लीज की अवधि बढ़ाई जाएगी। पूर्व में यह सीमा अधिकतम 15 वर्षों की होती थी।
कर्मचारियों को मंहगाई भत्ते में राहत
परिषद कर्मियों, पेंशनरों व पारिवारिक पेंशन धारकों के लिए महंगाई भत्ते में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। अब 1 जनवरी 2025 से यह दर 55 प्रतिशत होगी, जो पहले 53 प्रतिशत थी।
कनिष्ठ लेखाधिकारी से पेंशन के जरिए वसूली
परिषद के पूर्व कनिष्ठ लेखाधिकारी राम नरेश यादव पर आवंटन प्रक्रिया में अनियमितता का दोष सिद्ध हुआ है। आरोप है कि उन्होंने एक फ्लैट के पंजीकरण धनराशि की पुष्टि किए बिना ही रिफंड कर दिया था, जिससे परिषद को 3.70 लाख रुपये का नुकसान हुआ। अब उस राशि का एक तिहाई हिस्सा, यानी 1,23,417 रुपये उनकी पेंशन से वसूला जाएगा। इस मामले में विजिलेस जांच भी जारी है।