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शिया वक्फ बोर्ड Photograph: (YBN)
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली ज़ैदी ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया। दरअसल लंबे समय से वक्फ की संपत्तियों पर बने कब्रिस्तान, इमामबाड़े में कब्रें बेचने की शिकायतें सामने आती रही है। इन शिकायतों पर वक्फ बोर्ड की अब नींद टूटी है और आदेश जारी किया गया है।
दो गज़ जमीन के लिए दो लाख रुपए
बिना नाम छापने की शर्त पर शिया समाज से आने वाले एक शख्स ने यंग भारत न्यूज़ को बताया कि आज से नहीं बल्कि कई वर्षों से कर्बला, इमामबाड़ों और कब्रिस्तानों में यह परंपरा चली आ रही है। पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी के दौर में भी कब्रों की खरीद फरोख्त होती थी। वहीं अब भी यह काम जारी है। यानी मरने के बाद भी मुर्दे को अपने लिए दो गज़ ज़मीन की कीमत चुकानी होगी। उन्होंने बताया कि जितनी अहम जगह पर कब्र होती उतना उसके दाम होते है। यह कीमत दस हज़ार से लेकर लाखों तक भी होती।
मुतवल्ली के खिलाफ होगी कार्रवाई
चेयरमैन अली ज़ैदी ने अपने आदेश में कहा कि किसी भी वक्फ में मुर्दा दफन करने के लिए केवल कब्र की खुदाई, पटरे और कब्र को पक्का कराए जाने में जो धनराशि खर्च होगी वही धनराशि मुर्दा दफन करने के प्राप्त कर उसकी रसीद जारी की जाएगी, इसके अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार की कोई धनराशि नहीं ली जाएगी। आगे अली ज़ैदी ने कहा कि यदि किसी भी वक्फ के मुतवल्ली या प्रशासक की कोई भी शिकायत बोर्ड में प्राप्त होगी तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।