लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
राजधानी लखनऊ में जाम के झाम से सब परेशान है। आम लोगों के साथ अब वीआईपी भी घंटों तक लगे रहने वाले जाम के शिकार हो रहे है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव मंगलवार को ट्रैफिक जाम में बुरा फंस गए। आलम यह रहा कि उनका काफिला निकलवाने के लिए गाड़ी से गनर को उतरना पड़ा तब जाकर कहीं शिवपाल की गाड़ी आगे रेंग सकी।
उपमुख्यमंत्री तक होते जाम में हल्कान
जिस नेता की कभी उत्तर प्रदेश में तूती बोलती थी आज वह भी जाम का शिकार हो रहे। सपा सरकार में जिनके लिए रास्ते रोक दिए जाते थे आज उनकी गाड़ी को निकलवाने के लिए सुरक्षा कर्मियों को गाड़ी से उतरकर सड़क पर जगह बनवाना पड़ रही। यह मामला सिर्फ तख्त बदलने का नहीं बल्कि लखनऊ के जाम के झाम का है। क्योंकि इसमें विपक्ष ही नहीं बल्कि जिनकी सरकार चल रही है उनके लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है। राजधानी लखनऊ में मंत्रियों से लेकर डिप्टी सीएम तक जाम में बुरे फंस चुके है। ब्रजेश पाठक को तो कानपुर रोड पर खुद उतरकर जाम खुलवाना पड़ा था।
कामता इलाके में फंसे शिवपाल यादव
दरअसल हुआ यह कि मंगलवार को पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव राजधानी लखनऊ में चिनहट की ओर जा रहे थे। इस दौरान अपनी दो तीन गाड़ियों के साथ रेंज रोवर में बैठे शिवपाल गोमतीनगर की ओर से कामता पर जाम में फंस गए। गाई देर जाम में गाड़ी फंसी रहने पर जब गाड़ी टस से मस नहीं हुई तो उनके ही काफिले में तैनात सुरक्षा कर्मियों को गाड़ियों से उतरना पड़ा और रास्ता बनाया। तब कहीं जाकर शिवपाल अपने गंतव्य को जा सकें। लोगों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस जाम को छुड़वाने में नहीं बस हेलमेट नहीं लगाने पर चालान करने में दिलचस्पी दिखाती है। लखनऊ में आम जनता को सुबह से लेकर शाम तक शहर के अलग अलग हिस्सों में घंटों तक जाम का शिकार होना पड़ता है जिससे उनपर मानसिक तनाव भी बढ़ता है साथ ही समय का भी नुक्सान होता है।