Advertisment

RTE नियमों की अनदेखी पर लखनऊ के दो स्कूलों को कारण बताओ नोटिस, रद्द हो सकती है मान्यता

शासन के निर्देशों के बावजूद इन स्कूलों ने RTE के अंतर्गत एक भी बच्चे को प्रवेश नहीं दिया गया है। इस पर विभाग ने स्कूल प्रबंधन से 15 दिनों के भीतर स्पष्ट जवाब मांगा है।

author-image
Abhishek Mishra
Education department

शिक्षा भवन

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। शिक्षा के अधिकार (RTE) अधिनियम के तहत गरीब व पात्र बच्चों को स्कूलों में दाखिला न देने के मामले में शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाया है। लखनऊ के प्रतिष्ठित निजी स्कूल सेठ एम.आर. जयपुरिया और विश्वनाथ एकेडमी को माध्यमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार द्वारा नोटिस भेजा गया है।

Advertisment

15 दिन में मांगा जवाब, वरना रद्द हो सकती है मान्यता

शासन के निर्देशों के बावजूद इन स्कूलों ने RTE के अंतर्गत एक भी बच्चे को प्रवेश नहीं दिया गया है। इस पर विभाग ने स्कूल प्रबंधन से 15 दिनों के भीतर स्पष्ट जवाब मांगा है। यदि समय पर संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया, तो स्कूल की अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) को निरस्त करने और मान्यता समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

एक भी बच्चे को नहीं मिला प्रवेश

Advertisment

प्रावधानों के अनुसार, किसी भी स्कूल को प्री-नर्सरी व कक्षा 1 में अपनी कुल सीटों का 25 प्रतिशत हिस्सा आरटीई के अंतर्गत नामित बच्चों के लिए सुरक्षित रखना होता है। फिर भी शिक्षा विभाग ने लचीला रुख अपनाते हुए प्रत्येक ब्रांच में न्यूनतम 10 बच्चों को प्रवेश देने की बात कही थी। लेकिन इसके बावजूद इन स्कूलों ने किसी भी बच्चे को दाखिला नहीं दिया, जबकि आगामी सत्र एक जुलाई से शुरू होने वाला है।

तीन हजार से ज्यादा बच्चे अब भी इंतजार में

लखनऊ में RTE के तहत चयनित तीन हजार से अधिक बच्चों का अब भी दाखिला नहीं हो पाया है। अफसोस की बात यह है कि हाई-प्रोफाइल निजी स्कूल अभी भी अधिनियम को गंभीरता से नहीं ले रहे। कई स्कूल अब खुद ही आय प्रमाण पत्रों की वैधता की जांच कर रहे हैं, जबकि सरकारी दस्तावेजों की सत्यता जांचना किसी निजी संस्था के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।

Advertisment

शिक्षा विभाग की चेतावनी तुरंत लें दाखिले

संयुक्त निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार ने स्पष्ट किया कि जो स्कूल RTE के तहत नामित बच्चों को समय रहते दाखिला नहीं देंगे, उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी निजी स्कूल बिना किसी देरी के इन बच्चों को प्रवेश दें, अन्यथा भविष्य में मान्यता समाप्त होने तक की नौबत आ सकती है।

Advertisment
Advertisment