लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
लखनऊ में 81 अपार्टमेंट पर ध्वस्तीकरण की तलवार लटक रही है। कार्रवाई के खिलाफ आवंटी और फ्लैट में रहने वाले हाईकोर्ट पहुंच गए जहां से उन्हें कुछ राहत मिली है। राहत मिलने के बाद शासन एक्टिव हो गया है और उसने लखनऊ विकास प्राधिकरण के उन अधिकारियों की सूची मांग ली जिनके रहते हुए यह निर्माण हुए। प्राधिकरण ने शासन को सभी इंजीनियरों की सूची बनाकर भेज दी है जिसके बाद से अब कार्रवाई की तलवार उनपर लटकने लगी है।
बिल्डरों ने फ्लैट मालिकों से किया किनारा
लखनऊ में विकास प्रदधिकरण के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर अवैध निर्माणों की शिकायतें अक्सर सामने आती है। रईस बिल्डर अक्सर पैसा खिलाकर मनमाने ढंग से बिल्डिंगों का निर्माण कर लेते है। खबरें चलने के बाद अधिकारी एक्शन मोड में आते है और फिर आगे कार्रवाई अमल में लाई जाती है। लेकिन इस बार अधिकारी खुद नपते हुए नज़र आ रहे है। दरअसल लखनऊ विकास प्राधिकरण ने शहर के 81 अपार्टमेंट को चिन्हित कर उन्हें तोड़ने का नोटिस जारी किया था। इसके लिए LDA ने फ्लैट मालिकों को नोटिस जारी कर घर खाली करने का भी 15 दिन का नोटिस थमा दिया था। इसके बाद से परिवारों में हड़कंप मच गया। फ्लैट बेच चुके बिल्डर भी परिवारों से किनारा कर लिए। फ्लैट मालिक इसके बाद कोर्ट की शरण में गए जहां से उन्हें कुछ राहत मिली। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ध्वस्तीकरण की कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी है।
26 इंजीनियरों की LDA ने भेजी सूची
कोर्ट की रोक लगने के बाद शासन एक्टिव हुआ और उसने ऐसे अधिकारी जिनकी मिलीभगत से यह निर्माण हुए उनकी सूची मांगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कुल 26 इंजीनियरों की सूची बनाकर शासन को भेज दी। इसके बाद शासन ने दुबारा इनकी तैनाती और जानकारी मांगी। जिसके बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने बताया कि 26 में से 22 इंजीनियर अब रिटायर हो चुके है वहीं चार अलग अलग प्राधिकरण में काम कर रहे है। शासन ने अब इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।