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Crime News: यूपी में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों को रोकने के लिए विशेष अभियान शुरू, डीजीपी ने जारी किया सख्त निर्देश

यूपी पुलिस ने अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और गोदामों में हादसों को रोकने के लिए आज से 21 सितम्बर तक विशेष अभियान शुरू किया है। अभियान के तहत लाइसेंसधारी इकाइयों की जांच, अवैध भंडारण/बिक्री पर कार्रवाई, बालश्रम की रोकथाम व सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की जाएगी।

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Shishir Patel
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डीजीपी राजीव कृष्ण।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और गोदामों में होने वाले विस्फोट की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्णा के निर्देश पर प्रदेशभर विशेष अभियान शुरू कर दिया गया है। यह अभियान 21 सितम्बर तक चलेगा। इस संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने सभी जोनल एडीजी, पुलिस आयुक्तों, आईजी व डीआईजी और जिलों के एसएसपी व एसपी को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

क्या होगा अभियान में

जिन फैक्ट्रियों को पटाखे बनाने का लाइसेंस मिला है, उनका निरीक्षण संयुक्त टीम (पुलिस, प्रशासन और अग्निशमन विभाग) द्वारा किया जाएगा। हर निरीक्षण की वीडियोग्राफी होगी और उसका रिकॉर्ड उच्चाधिकारियों द्वारा जांचा जाएगा। आकस्मिक आग, खासकर रासायनिक आग से निपटने की तैयारियों को परखा जाएगा।

यदि बालश्रम पाया जाता है तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी

फैक्ट्रियों के कर्मचारियों और प्रबंधकों से सुरक्षा इंतजामों की जानकारी लेकर उनकी समीक्षा होगी। यदि बालश्रम पाया जाता है तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी। अवैध फैक्ट्रियों, गोदामों और बिना अनुमति के बिक्री या परिवहन की जानकारी गोपनीय रूप से जुटाई जाएगी और उन पर सख्त कार्यवाही होगी। केवल लाइसेंसधारी जगहों पर ही पटाखों का भंडारण और बिक्री की अनुमति होगी।बिक्री स्थल को आबादी और भीड़-भाड़ वाले बाजार से दूर व्यवस्थित किया जाएगा। छोटे और अस्थायी विक्रेताओं को अनावश्यक रूप से परेशान न करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

विस्फोट की घटना हुई तो थाना प्रभारी पर होगी कार्रवाई 

डीजीपी ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर अभियान के बाद भी कहीं आग या विस्फोट की घटना होती है, तो संबंधित चौकी प्रभारी, बीट प्रभारी, थाना प्रभारी और वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदार माना जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, अवैध पटाखा फैक्ट्रियों पर रोक लगाना और हादसों की संभावना को खत्म करना है।

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