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स्पेशल प्रोजेक्ट फॉर इक्विटी : बालिकाओं के समग्र विकास के लिए शिक्षकों को मिलेगा राज्य स्तरीय प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश सरकार ने बालिकाओं के समग्र विकास, शिक्षा, जीवन कौशल और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए ‘स्पेशल प्रोजेक्ट फॉर इक्विटी’ के तहत 450 मास्टर ट्रेनर्स को विशेष प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है।

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Abhishek Mishra
Special Project Equity

स्पेशल प्रोजेक्ट फॉर इक्विटी

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। प्रदेश सरकार बेटियों के सर्वांगीण विकास, शिक्षा, जीवन कौशल और आत्मनिर्भरता को लेकर एक और ठोस पहल करने जा रही है। समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत चल रहे 'स्पेशल प्रोजेक्ट फॉर इक्विटी' के तहत अब बालिकाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण को मजबूती देने के उद्देश्य से प्रदेशभर में चयनित 450 मास्टर ट्रेनर्स को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण 4 अगस्त से 21 अगस्त 2025 के बीच 9 बैचों में सीमैट, प्रयागराज में संपन्न होगा।

शिक्षकों को राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर

इस योजना के तहत प्रत्येक जनपद से चयनित 6 शिक्षकों को राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। ये प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स, प्रदेश के 45,656 उच्च प्राथमिक विद्यालयों की मीना मंच सुगमकर्ता शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण देंगे। इसका उद्देश्य बालिकाओं के समग्र विकास के लिए विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को मीना मंच, जीवन कौशल, नेतृत्व विकास, स्वास्थ्य, स्वच्छता, लैंगिक समानता और सामाजिक सुरक्षा जैसे विषयों पर संवेदनशील व सक्षम बनाना है। बता दें कि 'स्पेशल प्रोजेक्ट फॉर इक्विटी' को प्रदेश में समावेशी शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में एक मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा रहा है। बालिकाओं की शिक्षा में समान अवसर और उनके अधिकारों के प्रति सामाजिक चेतना जगाने में यह परियोजना एक अहम कड़ी बनेगी।

शिक्षण का स्तर सुधारेंगी शिक्षिकाएं

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार बालिकाओं को शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान के अधिकार से सशक्त करने के लिए सतत प्रयत्नशील है। ‘स्पेशल प्रोजेक्ट फॉर इक्विटी’ जैसे अभिनव कार्यक्रमों के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर बालिका को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, जीवन कौशल और आत्मविश्वास से भरपूर वातावरण मिले। इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित शिक्षिकाएं न सिर्फ शिक्षण का स्तर सुधारेंगी, बल्कि सामाजिक जागरूकता और आत्मरक्षा जैसी आवश्यकताओं के प्रति भी छात्राओं को सजग करेंगी। यह प्रशिक्षण हर बालिका तक परिवर्तन की ज्योति पहुंचाने का एक मिशन है।

मीना मंच को और प्रभावी बनाएगी यह कार्यशाला

राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय द्वारा सभी जिलों को विस्तृत कार्ययोजना और दिशा-निर्देश पहले ही भेज दिए गए हैं, जिसमें मास्टर ट्रेनर्स की नामांकन प्रक्रिया से लेकर कार्यशाला की तिथियों और बैचों की योजना स्पष्ट रूप से निर्धारित है। सीमैट प्रयागराज में आयोजित होने वाली यह कार्यशाला बालिकाओं से संबंधित संवेदनशील मुद्दों को समझने, उनके अधिकारों और जरूरतों पर केंद्रित होगी। ज्ञात हों कि 'मीना मंच' वर्षों से प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बालिकाओं की आवाज़ बनने का माध्यम रहा है। अब इस मंच को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स द्वारा सुगमकर्ता शिक्षिकाओं को विषय-विशेषज्ञता प्रदान की जाएगी, जिससे विद्यालयों में बालिकाओं के आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और संवाद कौशल में स्पष्ट वृद्धि हो सके।

बालिकाओं को मिलेगा नया आत्मबल

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डिप्टी डायरेक्टर और बालिका शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. मुकेश सिंह का कहना है कि इस प्रशिक्षण के बाद न सिर्फ सुगमकर्ता शिक्षिकाओं की क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि वे अपने विद्यालय में बालिकाओं के बीच एक रोल मॉडल की भूमिका निभा सकेंगी। यह बदलाव न केवल पठन-पाठन की गुणवत्ता में नज़र आएगा, बल्कि छात्राओं की नियमितता, संवाद क्षमता, जीवन कौशल और आत्मनिर्भरता में भी बड़ा सकारात्मक प्रभाव छोड़ेगा।

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