लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता ।उत्तर प्रदेश एसटीएफ को मादक पदार्थों की तस्करी पर कड़ा प्रहार करते हुए एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ टीम ने मेरठ के सोहराबगेट बस स्टैंड से दो अंतर्राज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से लगभग 10 किलो चरस बरामद हुई है। बरामद चरस की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 40 लाख रुपये आंकी गई है।
नेपाल से लाकर भारत के विभिन्न राज्यों में करते हैं सप्लाई
गिरफ्तार किए गए तस्करों की पहचान बिहार राज्य के पश्चिमी चंपारण निवासी मिथलेश मांझी पुत्र महेश मांझी और बबीता देवी पत्नी विषय गिरी कुशवाहा के रूप में हुई है। ये दोनों लंबे समय से अवैध रूप से मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त थे और नेपाल से भारत में चरस लाकर विभिन्न राज्यों में सप्लाई करते थे। इनके कब्जे से 10.00 किलोग्राम चरस, 3 मोबाइल फोन, 2000 नकद राशि बरामद की गई है।
मेरठ में घेराबंदी करके एसटीएफ ने दोनों को दबोचा
एसटीएफ को पिछले कुछ समय से बिहार-नेपाल सीमा से मादक पदार्थों की तस्करी की सूचनाएं मिल रही थीं। इस संबंध में विभिन्न टीमों को सतर्क किया गया था। इसी क्रम में पुलिस उपाधीक्षक अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव के पर्यवेक्षण में टीम द्वारा अभिसूचना संकलन किया जा रहा था। प्राप्त सूचना के आधार पर उपनिरीक्षक फैजुद्दीन सिद्दीकी के नेतृत्व में गठित टीम ने एनसीबी लखनऊ के सहयोग से मेरठ में घेराबंदी कर दोनों आरोपियों को दबोच लिया।
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नेपाल से जुड़ा है इनका पूरा नेटवर्क
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्हें नेपाल निवासी एक व्यक्ति, जिसे वे 'जिराको दादा' के नाम से जानते हैं, चरस की खेप उपलब्ध कराता है। वही व्यक्ति उनके लिए बस या ट्रेन से यात्रा की व्यवस्था करता है और मेरठ पहुंचने पर एक निश्चित मोबाइल नंबर पर कॉल कर डिलीवरी करवाई जाती है। बताया गया कि तस्करी के बदले उन्हें रास्ते का खर्चा, खाना और प्रति किलोग्राम चरस पर 3000 पारिश्रमिक दिया जाता है। गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/20/29 के तहत एनसीबी लखनऊ में केस संख्या 08/2025 दर्ज कर आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।