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Crime News: समीक्षा अधिकारी परीक्षा-2023 में शामिल पेपर लीक गैंग के दो सदस्य गिरफ्तार

लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 में हुए प्रश्नपत्र लीक प्रकरण में एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली है। एक साल से फरार चल रहे दो प्रमुख आरोपियों को एसटीएफ की टीमों ने भोपाल और चंदौली से गिरफ्तार कर लिया।

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Shishir Patel
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पेपर लीक गैंग के दो सदस्य गिरफ्तार ।

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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उत्तर प्रदेश में आयोजित समीक्षा अधिकारी सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा-2023 के प्रश्नपत्र लीक मामले में उत्तर प्रदेश एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है। इस मामले में एक साल से फरार चल रहे गिरोह के दो प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है।एसटीएफ ने नमन शाम्बरी को 9 अप्रैल को दोपहर 12:50 बजे भोपाल के करमवीर नगर स्थित पानी की टंकी के पास से गिरफ्तार किया गया।शाहिद सिद्दीकी को उसी दिन रात 11 बजे चंदौली जिले के मुगलसराय स्थित नई बस्ती से पकड़ा गया। नमन शाम्बरी मध्य प्रदेश का और शाहिद सिद्दीकी चंदौली का रहने वाला है। 

पेपर लीक होने पर एसटीएफ को सौंपी गई थी जाच 

11 फरवरी 2024 को समीक्षा अधिकारी / सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा-2023 का आयोजन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज द्वारा किया गया था। परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर लीक हो गया था। इस पर सरकार ने परीक्षा को रद्द कर, मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी थी।एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक लाल प्रताप सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने गहन जांच व अभिसूचना संकलन कर दोनों आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की। मामले की विवेचना इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडेय कर रहे हैं।

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10-12 लाख में पेपर लीक कराने का तय हुआ सौदा 

पूछताछ में नमन ने बताया कि 2014 में राजीव नयन मिश्रा नामक युवक उसके पड़ोस में रहता था। वर्ष 2021 में वह भारत नगर चला गया। वहीं उसकी मुलाकात सुभाष प्रकाश से हुई, जिन्होंने उसे बताया कि वे परीक्षा के पेपर लीक कराते हैं। उन्होंने नमन को भरोसे में लेकर बताया कि यदि वह 10-12 लाख रुपये की व्यवस्था करे तो समीक्षा अधिकारी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक कर दिया जाएगा।नमन ने कुछ पैसे सुभाष के खाते में ट्रांसफर किए और 9 फरवरी 2024 को व्हाट्सएप पर पेपर प्राप्त किया। उसने 11 फरवरी को आगरा सेंटर से परीक्षा दी और वही प्रश्न आए जो व्हाट्सएप पर मिले थे। बाद में जब राजीव व सुभाष पकड़े गए, तो उसने सबकुछ डिलीट कर दिया और फरार हो गया।

11 फरवरी को केंद्रीय विद्यालय परीक्षा केंद्र पर दी परीक्षा 

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शाहिद ने बताया कि वह सुभाष प्रकाश से वाराणसी में मिला था। सुभाष ने भी 10-12 लाख में पेपर दिलाने की बात कही थी। एडवांस के तौर पर शाहिद से 1 लाख रुपये नकद और एक ब्लैंक चेक लिया गया, साथ ही उसकी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की भी मांग की गई। बाद में सुभाष ने उसे विवेक उपाध्याय से मिलवाया, जिसने शाहिद को भोपाल बुलाया।9 फरवरी को वह भोपाल पहुंचा, जहां होटल कमल पैलेस में उसे प्रश्नपत्र व उत्तर पढ़ने को दिए गए। 11 फरवरी को उसने चंदौली के केंद्रीय विद्यालय परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दी।

एक बड़े पेपर माफिया नेटवर्क का हुआ खुलासा 

दोनों आरोपियों के विरुद्ध थाना सिविल लाइंस, प्रयागराज में मुकदमा दर्ज किया गया है।एसटीएफ की जांच अभी भी जारी है और अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। इस गिरफ्तारी से एक बड़े पेपर माफिया नेटवर्क का खुलासा हुआ है और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता की दिशा में यह एक अहम कदम माना जा रहा है।

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