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गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों पर होगी सख्त कार्रवाई
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में बिना सरकारी मान्यता चल रहे स्कूलों के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशालय ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशकों को निर्देश जारी किए हैं कि वे सभी जिलों में ब्लॉक स्तर पर ऐसे स्कूलों की विशेष जांच 10 जुलाई तक पूरी कराएं।
ऐसे स्कूलों पर लगाया जाएगा अर्थदंड
यह अभियान नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 और उत्तर प्रदेश शिक्षा नियमावली, 2011 के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। दोनों दस्तावेजों के अनुसार कोई भी शैक्षणिक संस्था बिना मान्यता प्राप्त किए संचालित नहीं की जा सकती। इस अधिनियम की धारा-18 के मुताबिक, बिना अनुमति स्कूल चलाने पर संस्थान पर एक लाख रुपये तक का अर्थदंड लगाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, नियमों की प्रत्येक दिन अनदेखी पर दस हजार रुपये प्रतिदिन का जुर्माना निर्धारित किया गया है।
15 जुलाई तक मांगा गया प्रमाण-पत्र
बेसिक शिक्षा निदेशक प्रयाग सिंह बघेल ने स्पष्ट किया है कि यदि जांच के दौरान कोई स्कूल बिना मान्यता चलता पाया जाता है, तो उसे नोटिस भेजते हुए बंद कराया जाएगा। साथ ही, संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों से प्रमाण-पत्र लेकर 15 जुलाई तक विस्तृत सूची निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
अवैध स्कूलों पर कार्रवाई की उठाई मांग
16 जुलाई के बाद अगर किसी भी क्षेत्र में बिना मान्यता के विद्यालय संचालन की पुष्टि होती है, तो सीधी जिम्मेदारी जिला एवं खंड शिक्षा अधिकारियों की मानी जाएगी। गौरतलब है कि प्राथमिक विद्यालयों के हालिया विलय के बाद शिक्षक संगठनों ने लगातार यह मांग उठाई है कि अवैध स्कूलों पर सख्त कदम उठाए जाएं।