लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी लखनऊ में गुरुवार सुबह छात्रों और अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस और जबरन किताब व यूनिफॉर्म की खरीदारी के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। यह विरोध प्रदर्शन जनेश्वर मिश्र पार्क के मुख्य द्वार पर 'राष्ट्रीय छात्र पंचायत' के बैनर तले आयोजित हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से किया गया।
सुबह पांच बजे से शुरू हुए इस अभियान में सैकड़ों छात्रों और अभिभावकों ने भाग लिया। लोगों ने हस्ताक्षर कर निजी स्कूलों की नीतियों पर नाराजगी जताई और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की।
कार्यक्रम के संयोजक प्रियांशु पांडे ने कहा, “निजी स्कूलों की फीस वसूली और जबरन किताब-ड्रेस की खरीद जैसी नीतियां आम जनता पर बोझ डाल रही हैं। जब तक फीस रेगुलेशन बिल नहीं आता और स्कूलों पर नियंत्रण नहीं होता, यह अभियान पूरे प्रदेश में चलता रहेगा।”
छात्र नेताओं ने जताई गहरी चिंता
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता विवेक ने निजी स्कूलों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “शहर के कई नामी स्कूल लाखों रुपये फीस वसूलते हैं और छात्रों को किताबें, ड्रेस और स्कूल किट सिर्फ उनकी तय दुकानों से खरीदने का दबाव डालते हैं। यह एक तरह से शोषण है, जो शिक्षा के नाम पर किया जा रहा है। सरकार को ऐसे स्कूलों पर बुलडोजर चलाकर मिसाल पेश करनी चाहिए।”
अभियान में शामिल छात्रों में अंकित, अभय, नसीर, हिमांशु तिवारी और आदित्य प्रताप सिंह सहित कई छात्र-छात्राएं और अभिभावक शामिल रहे। सभी ने एकजुट होकर मांग की कि शिक्षा को व्यवसाय नहीं बनने दिया जाए और सरकार इस पर तत्काल हस्तक्षेप करे।
हस्ताक्षर अभियान केवल शुरुआत है
आयोजकों ने जानकारी दी कि यह हस्ताक्षर अभियान केवल शुरुआत है। जल्द ही लखनऊ के अन्य पार्कों और सार्वजनिक स्थानों पर भी इसी तरह के अभियान चलाए जाएंगे, जिससे अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जा सके और सरकार तक आवाज मजबूती से पहुंचाई जा सके।