लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय एकेटीयू में कुलपति जेपी पाण्डेय और विधायक बीकेटी योगेश शुक्ला ने स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के तहत विद्यार्थियों को टैबलेट बांटे। सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज के एमटेक द्वितीय वर्ष के 19 और मैनेजमेंट विभाग के 25 छात्र-छात्रओं को टैबलेट दिये गये। टैबलेट पाने की खुशी छात्र—छात्राओं के चेहरों पर साफ दिखी। इस मौके पर कुलपति ने कहा कि आज के दौर में बिना नई तकनीकी को अपनाये प्रासंगिक बने रहना कठिन है। क्योंकि यह तकनीकी युग है। हमें हर हाल में इसे अपनाना होगा।
तीसरे दौर में एआई
कुलपति ने कहा कि कहा कि एआई ने हर क्षेत्र में अपनी गहरी पैठ बना ली है। अब तो एआई अपने तीसरे दौर में प्रवेश कर रही है। इसलिए हमें हमेशा खुद को अपग्रेड करते रहना चाहिए। छात्रों से टैबलेट का उपयोग अपनी स्किल्ड को बढ़ाने के लिए करने की अपील की। विधायक योगेश शुक्ला ने कहा कि सरकार युवाओं को डिजिटल साक्षर और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की कोशिक कर रही है। सरकार की मंशानुरूप विद्यार्थियों को भी टेक्नो फ्रेंडली बनने पर जोर देना चाहिए। आने वाले समय में देश को तकनीकी रूप से मजबूत युवाओं की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में आपका योगदान देश के लिए जरूरी है।
नैक तैयारियों की समीक्षा
विश्वविद्यालय में कुलपति की अध्यक्षता में नेशनल एस्समेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (नैक) पीयर टीम के विजिट को लेकर बैठक की गयी। बैठक में कुलपति ने टीम के सामने दिये जाने वाले प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी क्राइटेरिया को अच्छी तरह से तैयार कर लिया जाये। ताकि नैक पीयर टीम के सामने प्रस्तुतिकरण में आसानी हो। उन्होंने कहा कि हर बिंदु को बारीकी से प्रस्तुत करें। पीयर टीम के विश्वविद्यालय की उपलब्धियों से अवगत कराया जाये।
सीखे आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस और ड्रग डिस्कवरी टूल्स
विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय में चल रही तीन दिवसीय कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हो गया। फार्मेसी संकाय और नेमी एजुकेशन एडू-एमस्किल एकेडमी के संयुक्त तत्वावधान में एआई इन फार्मास्युटिकल साइंसेज विषय पर कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग और प्लेसमेंट सेल के सहयोग से हुआ। इन तीन दिनों में विशेषज्ञों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन फार्मास्युटिकल साइंसेज विषय पर विद्यार्थियों को विस्तार से बताया। एआई के काम करने के तरीके को समझने के लिए को सरल और सटीक तरीके से पाइथन कोडिंग की जानकारी दी। तीसरे और अंतिम दिन कार्यशाला में छात्र—छात्राओं ने ड्रग डिस्कवरी संबंधित विभिन्न ऑनलाइन टूल्स और डिजिटल लाइब्रेरी का प्रयोग करना सीखा। इसके अलावा वर्कशॉप में थ्योरेटिकल ट्रेनिंग के साथ-साथ ऑन कंप्यूटर प्रशिक्षण भी दिया गया।