Advertisment

'ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति' की अगुवाई में मथुरा में गूंजेगा सुंदरकांड पाठ, अहिल्याबाई होल्कर की जयंती पर देशभर में चला रहा महाअभियान

सपना गोयल ने बताया कि अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में 13 मई से 10 जून तक ज्येष्ठ मास के सभी बड़े मंगलों पर 101 मंदिरों में सुंदरकांड पाठ और भंडारों का आयोजन किया गया।

author-image
Abhishek Mishra
एडिट
ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति ने किया सुंदरकांड का पाठ

ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति ने किया सुंदरकांड का पाठ Photograph: (YBN)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। सनातन संस्कृति और नारी शक्ति को समर्पित ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति के नेतृत्व में एक बार फिर अध्यात्म की अलख जगाई जा रही है। समिति की सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल की अगुआई में 19 जुलाई को मथुरा स्थित भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर परिसर में एक दिवसीय सामूहिक सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाएगा। इससे पहले अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि परिसर में भी मासिक सुंदरकांड पाठ का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है।

ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति
ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति

अध्यात्म में सेवा ही है सच्ची मानवता

रविवार को लखनऊ के भूतनाथ मार्केट स्थित सावित्री प्लाजा में आयोजित मासिक आध्यात्मिक संगोष्ठी में सपना गोयल ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जल्द ही लखनऊ के संकट मोचन हनुमान सेतु मंदिर में भी 101 लड्डुओं का भोग अर्पित किया जाएगा। संगोष्ठी में सपना गोयल ने "उमा कहउँ मैं अनुभव अपना, सत हरि भजनु जगत सब सपना" के माध्यम से संदेश दिया कि हरि का भजन ही परम सत्य है, शेष जगत मोहमाया है। उन्होंने कहा कि अध्यात्म में सेवा ही सच्ची मानवता है और मातृशक्तियों के शक्तिपीठ आज एक संगठित, अनुशासित व प्रेरणादायी स्वरूप में बदल चुके हैं।

अहिल्याबाई होल्कर की जयंती पर देशभर में सुंदरकांड पाठ

सपना गोयल ने बताया कि पूज्य देवी लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में 13 मई से 10 जून तक ज्येष्ठ मास के सभी बड़े मंगलों पर 101 मंदिरों में सुंदरकांड पाठ और भंडारों का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया। इस सत्य सनातन नारी शक्ति के सुंदरकांड महाअभियान ने अल्पावधि में राष्ट्रीय पहचान बना ली है।

Advertisment

सपना गोयल ने बताया कि लखनऊ के झूलेलाल घाट से शुरू हुआ यह अभियान सिर्फ एक वर्ष में काशी, प्रयागराज, नैमिषारण्य, उत्तराखंड के कोटद्वार और अयोध्या तक पहुंच चुका है। 10 मार्च 2024 को महिला दिवस पर झूलेलाल घाट पर पांच हजार से अधिक मातृशक्तियों द्वारा सुंदरकांड पाठ का भव्य आयोजन इसका प्रमाण है।

आज यह अभियान किसी सरकारी या निजी सहयोग के बिना भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निरंतर विस्तार पा रहा है। सपना गोयल ने इसे सनातन संस्कृति की पुनर्स्थापना और मातृशक्ति के जागरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया।

Advertisment
Advertisment