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Crime News:लखनऊ में मोबाइल चोर गैंग का भंडाफोड़, दो शातिर गिरफ्तार, नेपाल बेचने ले जा रहे थे 79 मोबाइल

मड़ियांव थाना व क्राइम टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मोबाइल चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। दो शातिर चोर गिरफ्तार किए गए, जिनके कब्जे से 79 चोरी के मोबाइल फोन बरामद हुए।

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Shishir Patel
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मोबाइल चोरी का खुलासा करतीं पुलिस।

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। मड़ियांव थाना व अपराध शाखा (क्राइम टीम) की संयुक्त कार्रवाई में भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मोबाइल चोरी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया गया। पुलिस ने दो शातिर चोरों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से करीब 12 लाख रुपये कीमत के 79 चोरी के मोबाइल फोन बरामद किए हैं। आरोपित चोरी किए मोबाइल नेपाल में बेचने की फिराक में थे।

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पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों को मौके से गिरफ्तार कर लिया

थाना मड़ियांव और अपराध शाखा लखनऊ की संयुक्त टीम शनिवार को क्षेत्र में गश्त कर रही थी। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि मड़ियांव पुल के नीचे रेलवे लाइन के पास दो संदिग्ध व्यक्ति, एक स्कूटी व एक अर्टिगा कार के साथ मौजूद हैं। बताया गया कि दोनों मोबाइल चोरी के धंधे में लिप्त हैं और नेपाल में चोरी के मोबाइल बेचने जा रहे हैं।सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों को मौके से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में एक ने अपना नाम मोहम्मद तारिक पुत्र स्वर्गीय अतहर अली निवासी मौलवीगंज, थाना अमीनाबाद, लखनऊ (उम्र 49 वर्ष) तथा दूसरे ने विपिन श्रीवास्तव पुत्र राकेश श्रीवास्तव निवासी बाबागंज, थाना रुपईडीहा, बहराइच (उम्र 28 वर्ष) बताया।

79 मल्टीमीडिया मोबाइल फोन की कीमत 12 लाख आंकी गई 

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तलाशी में दोनों के कब्जे से विभिन्न कंपनियों के 79 मल्टीमीडिया मोबाइल फोन बरामद किए गए, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 12 लाख रुपये आंकी गई है। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे अलग-अलग बाजारों, सब्जी मंडियों और मेलों में भीड़ का फायदा उठाकर मोबाइल चोरी करते थे और पकड़े जाने से बचने के लिए इन्हें नेपाल ले जाकर बेच देते थे। नेपाल में मोबाइल ट्रेस नहीं हो पाते, जिससे गिरफ्तारी का खतरा नहीं रहता। गिरफ्तारी के बाद दोनों अभियुक्तों के खिलाफ थाना मड़ियांव में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही मौके पर मौजूद अर्टिगा कार (UP32PZ6457) और स्कूटी (UP32NC8512) के वैध कागजात न दिखाने पर उन्हें एमवी एक्ट के तहत सीज कर दिया गया।

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गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी करने में जुटीं पुलिस 

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पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार अभियुक्तों का अन्य आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है। दोनों से पूछताछ कर गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस टीम ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त मोहम्मद तारिक ई-रिक्शा चालक और विपिन श्रीवास्तव पेशे से चालक है।गिरफ्तारी और बरामदगी के दौरान सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग के सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया गया। आगे की कार्रवाई कर दोनों को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है।

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