लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग और कंस्ट्रक्शन एंड डिज़ाइन सर्विसेज द्वारा आयोजित 'शहरी बाढ़ प्रबंधन और जल निकासी' पर नगरीय निकाय निदेशालय में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य में शहरी बाढ़ से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए जल प्रबंधन पर तकनीकी विशेषज्ञता और ज्ञान को बढ़ाना है।
नगर विकास विभाग के सचिव ने दिया भाषण
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में नगर विकास विभाग के सचिव एवं शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय के निदेशक अनुज कुमार झा ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने बढ़ते शहरीकरण के दौर में सतत शहरी जल निकासी समाधानों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि "तीव्र विकास और जलवायु परिवर्तन के कारण शहरी बाढ़ एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है। यह कार्यशाला शहरी योजनाकारों और अभियंताओं को जल प्रबंधन की आधुनिक तकनीकों को अपनाने में मदद करेगी, जिससे हमारे शहर प्रतिकूल मौसम की स्थितियों से निपटने में सक्षम बनेंगे।" उन्होंने कुशल जल निकासी प्रणालियों के कार्यान्वयन और उनके नियमित रखरखाव में शहरी स्थानीय निकायों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव भी रहे मौजूद
कार्यशाला को नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने संबोधित करते हुए कहा कि शहरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि "प्रभावी जल निकासी केवल बाढ़ रोकथाम के बारे में नहीं है; यह स्थायी, रहने योग्य शहरों के निर्माण के बारे में है। हमारा दृष्टिकोण आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों को वर्षा जल संचयन और अवरोधन तालाबों जैसे प्राकृतिक समाधानों के साथ एकीकृत करना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि समग्र जल प्रबंधन रणनीति के लिए नगर निकायों, अभियंताओं और नीति निर्माताओं सहित विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वित प्रयास आवश्यक हैं।
जल निकासी प्रणाली पर सत्र का आयोजन
नगर विकास विभाग के विशेष सचिव सत्य प्रकाश पटेल ने उत्तर प्रदेश में शहरी जल निकासी प्रणाली की स्थिति, शहरी बाढ़ के कारणों और शहरी जल निकासी की आवश्यकता के साथ-साथ उत्तर प्रदेश जल निकासी प्रणाली दिशानिर्देशों पर एक सत्र का नेतृत्व किया। उनके सत्र ने राज्य की मौजूदा जल निकासी संरचना और आगे की राह की गहन समझ प्रदान की।
कार्यशाला के दूसरे दिन इन बिंदुओं पर होगी चर्चा
कार्यशाला के दूसरे दिन उन्नत तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें अवरोधन तालाबों का उपयोग, वर्षा जल संचयन, पूर्व चेतावनी प्रणालियां और जल निकासी प्रणालियों का हाइड्रोलिक डिजाइन शामिल है। आईआईटी रुड़की और उत्तर प्रदेश जल निगम के विशेषज्ञ आगे तकनीकी अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे। यह कार्यशाला उत्तर प्रदेश भर में शहरी योजनाकारों और अभियंताओं को शहरी क्षेत्रों में बेहतर बाढ़ प्रतिरोध सुनिश्चित करने के लिए जल निकासी बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए महत्वपूर्ण ज्ञान और रणनीतियों से लैस करने के लिए आयोजित की गई है।