लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
प्रदेश में पर्यावरणीय पर्यटन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से यूपी सरकार नई पहल की तैयारी में है। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड (यूपीईटीडीबी) 18 ईको टूरिज्म फेलोज और एक प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर की भर्ती की जाएगी। इस कदम का मकसद सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा देना ही नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और आर्थिक मजबूती भी प्रदान करना है। हाल ही में इस परियोजना की विस्तृत रूपरेखा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के समक्ष प्रस्तुत की गई है। जैसे ही शासन से अनुमति मिलती है, योजना को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। यह पहल न केवल हरित पर्यटन को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगी।
मिलेगा रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण
इस कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित फेलो और कोऑर्डिनेटर विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाएंगे, जिनमें ईको टूरिज्म से संबंधित परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना, स्थानीय समुदायों और हितधारकों को प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान करना, ईको टूरिज्म स्थलों का प्रचार-प्रसार करना, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के साथ तालमेल बनाना, पर्यटन से संबंधित डेटा को सुव्यवस्थित करना, चल रही परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करना, पर्यटन स्थलों पर आधारभूत सुविधाओं की कमियों को चिह्नित करना और पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन को प्रोत्साहित करना शामिल है।
तकनीकी दक्षता होगी चयन का आधार
कार्यक्रम के लिए उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक के साथ पर्यावरण विज्ञान, वन्यजीव विज्ञान, वानिकी, पारिस्थितिकी या संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री होना जरूरी होगा। इसके साथ ही एमएस वर्ड, एमएस एक्सेल और एमएस पावरपॉइंट का ज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में प्रवीणता होना जरूरी होगा। उम्मीदवारों की आयु सीमा न्यूनतम 23 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
चयन प्रक्रिया होगी पूरी तरह गुणवत्ता आधारित
उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की चयन प्रक्रिया गुणवत्ता आधारित होगी। इसके लिए एक चयन समिति होगी। चयनित फेलो को प्रतिमाह 30 हजार रुपये का स्टाइपेंड और दस हजार का यात्रा भत्ता प्रदान किया जाएगा। इस योजना का अनुमानित वार्षिक व्यय 91.20 लाख रुपये होगा, जिसमें प्रशिक्षण लागत अतिरिक्त होगी। यह कार्यक्रम एक वर्ष के लिए होगा, जिसे आवश्यकता के आधार पर एक और वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। 18 फेलो की नियुक्ति का स्थान पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव और वन विभाग के प्रमुख सचिव के आपसी सहमति से तय किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि फेलो का कार्यक्षेत्र राज्य के विभिन्न ईको टूरिज्म स्थलों के लिए उपयुक्त हो।
ईको टूरिज्म हब बनाने की दिशा में सशक्त कदम
प्रदेश सरकार यूपी को ईको टूरिज्म के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए कई नवाचार किए हैं। यह नई पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को भी गति देगी। इस योजना से राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण होगा और पर्यटकों को उत्तर प्रदेश की जैव विविधता और सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू होने का अवसर मिलेगा। यह पहल उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख ईको टूरिज्म गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की योजनाएं न केवल पर्यटन को बढ़ावा देंगी, बल्कि स्थानीय समुदायों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक भी करेंगी।