लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य पर्यटन विकास पर तेजी से काम कर रही है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में कम ज्ञात पर्यटन स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर उभारा जा रहा है। मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के अंतर्गत दो वर्षों में 61 परियोजनाओं के लिए 134.57 करोड़ से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गई है।
यह भी पढ़ें- ITI छात्रों के लिए सुनहरा अवसर, ट्रेनिंग के साथ मिलेगा स्टाइपेंड
प्रदेश में पर्यटन विकास को मिल रही नई गति
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार राज्य के पर्यटन विकास को नई दिशा देने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। इस क्रम में अल्पज्ञात ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाले पर्यटन स्थलों का प्राथमिकता के आधार पर विकास किया जा रहा है। इसका उद्देश्य राज्य के पर्यटन स्थलों को नया आयाम देना है। इससे न केवल पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इन प्रयासों से राज्य की आय में वृद्धि की संभावना है। विभाग का यह भी मानना है, कि इन परियोजनाओं के माध्यम से स्थानीय संस्कृति और विरासत को संरक्षित करने में मदद मिलेगी, जिससे पर्यटन स्थलों की पहचान और महत्ता और बढ़ेगी।
यह भी पढ़ें- शिक्षक भर्ती की तैयारी करने वालों के लिए खुशखबरी, दो लाख पदों पर जल्द होगी भर्तियां, जानें पूरी डिटेल
अल्पज्ञात पर्यटन स्थलों के विकास को प्राथमिकता
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री पर्यटन सहभागिता योजना का उद्देश्य प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थल का चयन तथा पर्यटन संभावनाओं से परिपूर्ण अल्पज्ञात पर्यटक स्थलों को चिन्हित कर उसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना। हमारा प्रयास चिन्हित अल्पज्ञात पर्यटक स्थलों पर पर्यटन सेवा प्रदाताओं को आकर्षित करना है। चयनित पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
यह भी पढ़ें- अयोध्या में 900 करोड़ की लागत से बनेगा भरत पथ
संस्कृति विरासत को संरक्षित करने का प्रयास
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि योजनान्तर्गत पचास प्रतिशत धनराशि प्रस्ताव देने वाले और पचास प्रतिशत धनराशि पर्यटन विभाग वहन करता है। अंशदान की सहभागिता हेतु जनप्रतिनिधिगण के अतिरिक्त कोई भी प्रतिष्ठित व सक्षम व्यक्ति अथवा सरकारी, अर्द्ध सरकारी, गैर सरकारी संस्था,संगठन प्रस्तावक हो सकेंगें। इसके अतिरिक्त नगर निकायों, ग्राम पंचायतों द्वारा अपनी निधियों के अन्तर्गत तथा पौराणिक, आध्यात्मिक व धार्मिक स्थलों की प्रबन्धन समिति, ट्रस्ट, ख्याति सीएसआर द्वारा भी प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा सकता है।
42 योजनाएं की जा रही क्रियान्वित
इसी क्रम में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 42 योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। परियोजनाओं हेतु लगभग 116.51 करोड़ रूपये स्वीकृत हुए हैं, वर्ष 2024-25 में लगभग 18.06 करोड़ की कुल 19 परियोजनाओं की स्वीकृति प्राप्त हुई है।