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UP News : अप्रैल के पहले सप्ताह में एक लाख मीट्रिक टन से अधिक हुई गेहूं खरीद, बना रिकॉर्ड, 15 जून तक जारी रहेगी प्रक्रिया

किसानों के हितों को प्राथमिकता देते हुए सरकार लगातार प्रभावी कदम उठा रही है। इसका असर अब साफ दिखाई दे रहा है। पहली बार अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में ही एक लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद दर्ज की गई है।

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Abhishek Mishra
UP wheat purchased made record first week April

CM Yogi Adityanath

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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किसानों के हितों को प्राथमिकता देते हुए सरकार लगातार प्रभावी कदम उठा रही है। इसका असर अब साफ दिखाई दे रहा है। पहली बार अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में ही एक लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद दर्ज की गई है। इस बार यूपी सरकार (UP government) ने खरीद प्रक्रिया को और भी सरल और किसानों के अनुकूल बनाने के लिए मोबाइल खरीद केंद्रों की मदद से सीधे गांवों में जाकर अनाज खरीदना शुरू किया है। अब तक करीब 20,409 किसानों से गेहूं की खरीद की जा चुकी है। इतना ही नहीं, अब तक 3.56 लाख से ज्यादा किसान अपनी उपज बेचने के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। गेहूं की खरीद प्रक्रिया 15 जून तक जारी रहेगी।

गांव-गांव जाकर किसानों से साधा संपर्क

गेहूं की अच्छी ख़रीद हो, इसके लिए कटाई के पहले से ही गांव गांव जाकर किसानों से संपर्क साधा गया और उन्हें सरकारी क्रय केंद्र पर बिक्री के लिए प्रेरित किया गया। पंजीकरण एवं सत्यापन की व्यवस्था में व्यापक सुधार भी किया गया। खाद्य व रसद विभाग पहली बार मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से किसान के खेत तक पहुँचा। एक तरफ़ कटाई चल रही है तो वहीं गेहूं मौके पर तौला जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अवकाश के दिनों में भी केन्द्र खुले हैं, जिससे गेहूं बेचना अन्नदाता किसानों के लिए काफी आसान हो गया है।

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किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान

सरकार ने व्यवस्था की कि पंजीकृत किसान सत्यापन के बिना 100 कुंतल तक गेहूं बेच सकता है। ⁠सत्यापन के बाद कुल उत्पादकता के आधार पर अगेंस्ट उत्पादन क्षमता के तीन गुना तक गेहूं बेचने की सुविधा है, जिससे सत्यापन अथवा अभिलेखों में त्रुटि के कारण किसान को उत्पादित गेहूं बेचने में असुविधा न हो। मुख्यमंत्री के निर्देश पर क्रय केंद्रों पर बैठने, शुद्ध पेयजल आदि की भी समुचित व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान कर दिए जाएं।

3.56 लाख से अधिक किसानों ने कराया पंजीकरण 

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गेहूं की बिक्री के लिए पहली मार्च से पंजीकरण प्रारंभ हो चुका है। अब तक प्रदेश के 3.56 लाख से अधिक किसानों ने पंजीकरण करा लिया है। गेहूं की बिक्री के लिए किसानों को खाद्य व रसद विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in या विभाग के मोबाइल ऐप UP KISHAN MITRA पर पंजीकरण-नवीनीकरण कराना अनिवार्य है। विभाग ने किसानों से अनुरोध किया है कि गेहूं को ओसाकर, मिट्टी, कंकड़, धूल आदि को साफकर अच्छी तरह से सुखाकर ही क्रय केंद्र पर बिक्री के लिए लेकर आएं। 

विषम परिस्थितियों के लिए जारी किया टोल फ्री नम्बर 

खाद्य व रसद विभाग के मुताबिक क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद प्रतिदिन सुबह 8 से रात्रि 8 बजे तक हो रही है। सरकार ने निर्देश दिया है कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। किसी भी विषम परिस्थितियों के लिए खाद्य व रसद विभाग ने टोल फ्री नंबर 18001800150 जारी किया है। समस्या के समाधान के लिए किसान जिला खाद्य विपणन अधिकारी या तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

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इस वर्ष 150 रुपये प्रति कुंतल अधिक है समर्थन मूल्य 

केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए 2425 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया है। पिछले वर्ष यह मूल्य 2275 रुपये प्रति कुंतल था। इस बार सरकार ने 150 रुपये प्रति कुंतल में वृद्धि की है। खाद्य विभाग समेत आठ क्रय एजेंसियों के द्वारा कुल 5780 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। खाद्य व रसद विभाग ने गेहूं के मूल्य भुगतान सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से सीधे किसानों के आधार लिंक खाते में 48 घंटे के अंदर करने की व्यवस्था बनाई है।  

किसानों को किया गया 43424.44 करोड़ भुगतान

सरकार ने अन्नदाता किसानों के हित के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। योगी सरकार में 2017-18 से 2024-25 के बीच 233.99 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई। इस दौरान 49,69,576 किसानों को 43424.44 करोड़ रुपये (साढ़े तीन गुना) भुगतान भी किया गया। वहीं 2012 से 2017 के बीच बिचौलियों का बोलबाला रहा। इस दौरान सरकार महज 94.38 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद सकी और किसानों को 12,808 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया गया।

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