लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
प्रदेश सरकार बीते आठ वर्षों से युवाओं को रोजगार दिलाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में अब राज्य सरकार ने अग्निशमन विभाग के माध्यम से दो लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें निजी संस्थानों में फायर सेफ्टी ऑफिसर और फायर सेफ्टी स्टाफ के रूप में नियुक्त कराने की योजना तैयार की है। यह पहल न केवल युवाओं के लिए नए रोजगार के द्वार खोलेगी, बल्कि राज्य को आपात स्थितियों से निपटने में और अधिक सक्षम भी बनाएगी।
अग्निशमन विभाग में मिलेंगे हजारों रोजगार के अवसर
अग्निशमन विभाग की एडीजी पद्मजा चौहान ने बताया कि प्रदेश के निजी भवनों में सिक्याेरिटी गार्ड की तरह अनिवार्य रूप से अग्नि सुरक्षा अधिकारी और अग्नि सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने की कार्य योजना तैयार की गई है। इसके लिए योग्यता के मानक भी तय कर लिये गये हैं। विभाग प्रदेश के इच्छुक युवाओं को एक हफ्ते से लेकर चार हफ्ते की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद उन्हें विभाग से सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा, फिर प्रदेश के निजी भवनों जैसे- मॉल/मल्टीप्लेक्स, 100 या उससे अधिक बेड की क्षमता वाले हॉस्पिटल, 24 मीटर से अधिक ऊंचाई के गैर आवासीय भवन, 45 मीटर से अधिक ऊंचाई के आवासीय भवन,दस हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले औद्योगिक भवनों में नौकरी के अवसर प्राप्त होंगे।
अग्नि सुरक्षा कर्मियों की तैनाती अनिवार्य
एडीजी ने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने केंद्र सरकार के मॉडल फायर सर्विस बिल–2019 को स्वीकार करते हुए उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम–2022 लागू किया है। इस अधिनियम के तहत निजी भवनों में प्रशिक्षित अग्नि सुरक्षा अधिकारियों के साथ अग्नि सुरक्षा कर्मियों की तैनाती अनिवार्य है। इन भवनों में अग्नि सुरक्षा अधिकारियों और अग्नि सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने वाला देश का पहला राज्य (उत्तर प्रदेश) बन जाएगा।
अग्निशमन नियमावली बनी मिसाल
एडीजी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में लागू उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम 2022 और अग्निशमन नियमावली 2024 देश के अन्य राज्यों के लिए आदर्श बन चुकी है। अन्य राज्य इस मॉडल का अध्ययन कर रहे हैं और अपने यहां इसी तरह की व्यवस्था लागू करने की दिशा में प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए अग्निशमन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को उच्च तकनीकी ज्ञान के साथ–साथ अत्याधुनिक उपकरणों का गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने के लिए उन्नाव स्थित ट्रेनिंग सेंटर की क्षमता 196 से बढ़ाकर 600 किए जाने का कार्य प्रगति पर है। रीजनल ट्रेनिग सेंटरों की स्थापना का भी लक्ष्य है, जिससे आम नागरिकों और विभिन्न कंपनियों/ संस्थाओं के कर्मियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त हो सके।
योग्यता और तैनाती के मानक तय
विभिन्न श्रेणियों के भवनों के लिए निर्धारित न्यूनतम अर्हता और अनुभव प्राप्त महिला-पुरुष, जिसकी न्यूनतम आयु 18 वर्ष हो, अपने जनपद के किसी भी फायर स्टेशन पर एक सप्ताह के अनुकूलन,प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद फायर सेफ्टी ऑफिसर हो सकेगा। इसी प्रकार अग्नि सुरक्षा कर्मी के लिए कक्षा–10 उत्तीर्ण कोई भी महिला या पुरुष, किसी फायर स्टेशन से 4 सप्ताह का प्रशिक्षण प्राप्त करके या अग्नि सचेतक,फायर वॉलंटियर के रूप में लगातार 2 वर्ष तक पंजीकृत रहकर योगदान देने के बाद अग्नि सुरक्षा कर्मी बन सकेगा।