लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी में अपने घरों में सोलर पैनल लगाने वाले हजारों उपभोक्ताओं के बिजली बिल में गड़बड़ी के मामले में यूपी विद्युत नियामक आयोग (यूपीईआरसी) कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने वित्तीय वर्ष के पूरा होने पर बिजली बिल में सोलर यूनिट समायोजित नहीं होने पर यूपी पावर कारपोरेशन से जवाब तलब किया है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की शिकायत के आधार पर यूपीपीसीएल को पन्द्रह दिन में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
उपभोक्ताओं को अधिक बिल भरना पड़ा
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि सोलर पैनल लगाने वाले उपभोक्ताओं की सौर यूनिटों में गड़बड़ी की गई। मार्च माह में जो यूनिटें उनके खुद के सोलर पैनल से पैदा हुई थीं, उन्हें बिल में समायोजित नहीं किया गया। लाखों यूनिट बिजली का घपला किया गया और उपभोक्ताओं को अधिक बिल भरना पड़ा। अवधेश वर्मा ने कहा कि परिषद ने इस गड़बड़ी को लेकर दो दिन पहले लोक महत्व का प्रस्ताव नियामक आयोग में दाखिल किया था। इसके बाद आयोग ने मामले की जांच कराई और पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक को आदेश जारी किए।
पन्द्रह दिन में मांगी रिपोर्ट
इसमें अयोग ने रूफटॉप सोलर मीटरिंग रेगुलेशन 2019 का हवाला देते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष के पूरा होने पर उपभोक्ताओं की सोलर यूनिटों का समायोजन अगली वित्तीय वर्ष के पहले महीने में किया जाता है। जो इस बाद नहीं किया गया। यह बेहद गंभीर मामला है। आयोग ने प्रदेश के ऐसे सभी उपभोक्ताओं के मामलों रिपोर्ट की पन्द्रह दिन में मांगी है। वर्मा ने कहा कि किसी भी उपभोक्ता के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता परिषद का संघर्ष जारी रहेगा।