लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP RERA) ने कार्यस्थल पर अनुशासन और निष्ठा को सर्वोपरि मानते हुए अपने लखनऊ मुख्यालय और ग्रेटर नोएडा स्थित एनसीआर कार्यालय में कार्यरत 12 कर्मचारियों को सेवा से हटा दिया है। रेरा प्रशासन का कहना है कि संस्था में कार्यरत हर स्तर के कर्मचारी और अधिकारी पर लगातार नजर रखी जाती है और संदिग्ध आचरण या ईमानदारी में कमी पाए जाने पर तत्काल कठोर कार्रवाई की जाती है।
रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाना
लखनऊ में रेरा मुख्यालय की स्थापना वर्ष 2017 में हुई थी जबकि ग्रेटर नोएडा स्थित क्षेत्रीय कार्यालय 2018 से कार्यरत है। रेरा का मुख्य उद्देश्य रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाना, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना और बिल्डरों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संस्था अपने सीमित संसाधनों और स्टाफ के बावजूद पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य कर रही है।
इन 12 कर्मियों पर गिरी गाज
रेरा अधिकारियों के अनुसार संस्था में कार्यरत कर्मचारियों को समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है ताकि उनका कौशल और अनुशासन स्तर बेहतर हो सके। फिर भी पिछले कुछ वर्षों में 12 कर्मचारियों को असंतोषजनक कार्य व्यवहार और संदेहास्पद निष्ठा के चलते सेवा से पृथक किया गया है। इनमें 3 अवर अभियंता, 2 एलसीआरए कर्मी, 1 सहायक लेखाकार, 4 कंप्यूटर ऑपरेटर, 1 हेल्प डेस्क स्टाफ और 1 अनुसेवक शामिल हैं।
शून्य सहिष्णुता नीति
रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बताया कि संस्था में सभी कर्मचारियों से सत्यनिष्ठा की शपथ ली जाती है। कार्यालय में प्रत्येक कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और कर्मचारियों के साथ आगंतुकों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जाती है। अनुशासन और ईमानदारी को लेकर रेरा की 'शून्य सहिष्णुता' नीति के तहत हाल ही में एक मामले में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को भी विधिक कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है।