Advertisment

उपभोक्ता परिषद का दावा : अडानी से बिजली खरीदना घाटे का सौदा, उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा खामियाजा

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिडिंग रूट तहत इस प्रोजेक्ट में 25 साल तक 3.727 प्रति यूनिट की फिक्स कॉस्ट तय है। इसमें कमी की संभावना नहीं के बराबर है। जो उपभोक्ताओं के लिए घाटे का सौदा है। 

author-image
Deepak Yadav
एडिट
उपभोक्ता परिषद

उपभोक्ता परिषद का दावा अडानी से बिजली खरीदना उपभोक्ताओं के लिए घाटे का सौदा Photograph: (YBN)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।उपभोक्ता परिषद ने अडानी पावर लिमिटेड से बिजली खरीदने के यूपी सरकार के फैसले को उपभोक्ताओं के लिए घाटे का सौदा करार दिया है। परिषद का कहना है कि अधिकारियों ने जल्दबाजी में इस प्रस्ताव को कैबिनेट बैठक में पास करा लिया। जबकि इस परियोजना में फिक्स चार्ज की दर 3.72 रुपये प्रति यूनिट 25 सालों तक रहेगी। इसके घटने का सवाल ही नहीं है। इसका खामियाजा उपभोक्ताओं भुगतना पड़ेगा। आने वाले समय में उन्हें महंगी बिजली की मार झेलनी पड़ेगी।

25 साल तक 3.72 प्रति यूनिट की फिक्स चार्ज  तय

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा (Avadhesh Kumar Verma) ने कहा कि 1600 मेगावाट क्षमता की तापीय परियोजना से 1500 मेगावॉट बिजली 5.38 रुपये प्रति यूनिट में खरीदने के लिए न्यूनतम बिड को कैबिनेट ने स्वीकार किया। इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि बिडिंग रूट तहत इस प्रोजेक्ट में 25 साल तक 3.72 प्रति यूनिट की फिक्स चार्ज तय है। इसमें कमी की संभावना नहीं के बराबर है। जो उपभोक्ताओं के लिए घाटे का सौदा है। 

बिजली के निजीकरण के जुड़े तार

अवधेश वर्मा ने कहा कि अधिकारियों के इस खेल के तार सीधे बिजली के निजीकरण के जुड़े हैं। उन्होंने दावा किया कि अडानी पावर पूर्वांचल डिस्कॉम के निजीकरण के बाद नई बिजली कंपनी को खरीदना चाहता है। ऐसे में वहां उपभोक्ताओं की बिजली दरें आने वाले समय में बढ़ना तय है। उन्होंने कहा कि परिषद ने अडानी पावर के बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा पहले की कर चुकी है। जिसमें अड़ानी ने मिर्जापुर में टेंडर खुलने से पहले ही मशीन का आर्डर दे दिया था। 

टेंडर खुलने से पहले दिया था मशन का आर्डर

परिषद अध्यक्ष ने बताया कि 1600 मेगावॉट के पावर हाउस का टेंडर अक्टूबर में खुला था। जिसमें अडानी पावर ने जून 2024 में टरबाइन मशीन का ऑर्डर भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड भेल (बीएचईएल) को दे दिया। उन्होंने कहा कि चाहे महाराष्ट्र हो या मध्य प्रदेश हर जगह बिडिंग रूट के टेंडरों में अडानी ही न्यूनतम निविदा कैसे घोषित हो रही हैं। आखिर उनके पास ऐसी कौन सी दूरबीन है, जिससे उसे पहले से दिख जाता है कि टेंडर उसी को मिलेगा। इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।

Advertisment
Advertisment