लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
बिजली के निजीकरण का प्रस्ताव तैयार कर रही सलाहकार कंपनी ग्रांट थार्नटन पर झूठा शपथ पत्र देने के मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उपभोक्ता परिषद ने टेंडर मूल्यांकन कमेटी में शामिल तीनों निदेशकों के खिलाफ विद्युत नियामक आयोग में शिकायत कर कठोर कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही परिषद ने कंपनी के प्रस्ताव पर विचार न करने का आदेश जारी करने का अनुरोध भी किया।
ग्रांट थार्नटन ने धोखाधड़ी कर हासिल किया टेंडर
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद (UPRVUP) के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा (Avadhesh Kumar Verma) ने सोमवार को नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर लोक महत्व विरोध प्रस्ताव दाखिल किया। इसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका में एक साल पहले ग्रांट थार्नटन पर 40 हजार डॉलर का जुर्माना लगा गया था। कंपनी ने धोखाधड़ी से यूपी टेंडर हासिल कर लिया।
निदेशकों के खिला कार्रवाई की मांग
अवधेश वर्मा ने कहा कि टेंडर मूल्यांकन कमेटी ने ग्रांट थार्नटन के जमा किए गए झूठे शपथ पत्र और कंपनी के बारे में पड़ताल नहीं की। अब कंपनी का झूठ सामने आने के बाद कार्रवाई में ढिलाई की जा रही है। इसलिए तीनों निदेशक समते मूल्यांकन कमेटी के सभी सदस्य दोषी हैं। उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन की टेंडर मूल्यांकन कमेटी में शामिल तीनों निदेशक वित्त, वितरण और आईटी मई में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे पहले इन सभी के खिलाफ विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 128 के तहत भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए जांच एजेंसी का गठन का कठोर कार्रवाई की जाए।