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संयुक्त संघर्ष समिति के अनशन में शामिल उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।झूठे शपथ पत्र का खुलासा होने के तीन हफ्ते बाद भी सलाहकार कंपनी ग्रांट थार्नटन के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस मामले में रविवार को बड़ा खुलासा किया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का आरोप है कि कंपनी के ज्यादातर विशेषज्ञ अडानी ग्रुप के साथ काम कर रहे हैं। इसलिए कंपनी को बचाने में अडानी ग्रुप लगा हुआ है। उनका कहना है कि ग्रांट थार्नटन पर कार्रवाई से अडानी ग्रुप पर भी झटका लगेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है
सरकार को भेजी रिपोर्ट पर उठाए सवाल
अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि टेंडर मूल्यांकन कमेटी ग्रांट थार्नटन के खिलाफ कार्रवाई करना चाहती है। इसे देखते हुए पावर कॉरपोरेशन ने कमेटी की बैठक बुलाने के प्रस्ताव को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन के निदेशक वित्त निधि कुमार नारंग का कार्यकाल पांच मई को समाप्त हो रहा है। इससे पहले ही कारपोरेशन प्रबंधन ने निदेशक से ग्रांट थार्नटन के पक्ष में रिपोर्ट लगवाकर सरकार को भेजी है। यह एक गंभीर मामला है।
शक्ति भवन पर अनशन को परिषद का समर्थन
वर्मा ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन में अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल नौकरशाह चाहते हैं। ताकि उद्योगपतियों के साथ मिलकर बिजली विभाग को बेचने की योजना तैयार कर सकें। परिषद अध्यक्ष ने रविवार को बिजली के निजीकरण के विरोध में शक्ति भवन पर चल रहे संयुक्त संघर्ष समिति के अनशन में शामिल होकर अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति प्रदेश को दोबारा लालटेन युग में धकेलने के प्रयासों के खिलाफ मजबूती से आवाज उठा रही है।