/young-bharat-news/media/media_files/2025/02/28/tuJxQWOhYuoEknpwTUV0.jpeg)
गर्भाशय कैंसर के इलाज के लिए उन्नत लैप्रोस्कोपिक तकनीक अपनाई जाएगी Photograph: (Social Media)
लखनऊ किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में गर्भाशय कैंसर के इलाज के लिए उन्नत लैप्रोस्कोपिक तकनीक अपनाई जाएगी, जिससे मरीजों को बिना चीरे के ऑपरेशन की सुविधा मिलेगी। इसके लिए गायनी ऑन्कोलॉजी यूनिट में 1.10 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक मशीन खरीदी जाएगी।डॉक्टरों के अनुसार, यह विधि ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि इसमें रक्तस्राव और संक्रमण की संभावना कम होती है। साथ ही, मरीज जल्द स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो सकता है।
नई लैप्रोस्कोपिक तकनीक का किया जाएगा उपयोग
कुलपति कार्यालय के बोर्ड रूम में आयोजित 70वीं फाइनेंस और हाई-लेवल परचेज कमेटी की बैठक में गुरुवार को इस फैसले को मंजूरी दी गई। फिलहाल, संस्थान में गर्भाशय कैंसर का इलाज ओपन सर्जरी के जरिए किया जाता है। नई लैप्रोस्कोपिक तकनीक के तहत विशेष दवा का उपयोग किया जाएगा, जिससे संक्रमित लिम्फ नोड की पहचान कर उसे आसानी से हटाया जा सकेगा।
हृदय रोगियों के लिए नई सुविधा
लारी कार्डियोलॉजी सेंटर में दिल के मरीजों के इलाज को और बेहतर बनाने के लिए दो नई कैथ लैब स्थापित की जाएंगी, जिनकी कुल लागत लगभग दो करोड़ रुपये होगी। वर्तमान में विभाग में चार कैथ लैब उपलब्ध हैं, और नई कैथ लैब नए भवन में लगाई जाएंगी। इस पहल के बाद, केजीएमयू लखनऊ का पहला सरकारी संस्थान बन जाएगा, जहां कुल छह कैथ लैब कार्यरत होंगी।