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एनीमिया मुक्त भारत अभियान में यूपी सबसे आगे, लखनऊ समेत 24 जिलों ने लगाई छलांग, कौशाम्बी अव्वल

राज्य ने कई स्तरों पर काम किया है। समुदाय को मजबूत बनाया, नीतियों को बेहतर किया और रियल-टाइम डेटा का इस्तेमाल किया। इससे आयरन और फॉलिक एसिड (IFA) सप्लीमेंट का कवरेज पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है।

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Deepak Yadav
Uttar Pradesh leads in Anaemia Free India Campaign

एनीमिया मुक्त भारत अभियान में उत्तर प्रदेश सबसे आगे Photograph: (Google)

  • टीमवर्क, कम्युनिटी की भागीदारी और पॉलिसी में बदलाव से स्वास्थ्य में आई क्रांति
  • आकांक्षी जिलों में भी यह अभियान प्रगति की राह पर 


लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश ने एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) अभियान को गति देने में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य सरकार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) और समुदाय की मजबूत प्रतिबद्धता से लखनऊ समेत 24 जिलों ने गर्भवती और धात्री महिलाओं, किशोरियों और बच्चों में एनीमिया की समस्या खत्म करने के शानदार नतीजे दिखाए हैं।

आकांक्षी जिलों तक पहुंचा स्वास्थ्य अभियान

राज्य ने कई स्तरों पर काम किया है। समुदाय को मजबूत बनाया, नीतियों को बेहतर किया और रियल-टाइम डेटा का इस्तेमाल किया। इससे आयरन और फॉलिक एसिड (IFA) सप्लीमेंट का कवरेज पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है। यह अभियान अब आकांक्षी जिलों तक पहुंच चुका है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि हर लड़की, हर महिला और हर बच्चा इस स्वास्थ्य बदलाव का हिस्सा बन रहा है।

कौशाम्बी प्रदेश में अव्वल

अप्रैल-जून 2024 में 33वें नंबर पर रहने वाला कौशाम्बी जनवरी-मार्च 2025 तक पहले नंबर पर पहुंच गया और माताओं, किशोरियों और बच्चों में आईएफए कवरेज के लिए राष्ट्रीय सूचकांक को भी पीछे छोड़ दिया। लखनऊ, अमरोहा और हापुड़ भी रैंक में ऊपर आए। आकांक्षी ज़िलों में श्रावस्ती 86.3 के इंडेक्स के साथ सबसे आगे है। बलरामपुर और फतेहपुर तेज़ी से सुधार कर रहे हैं।

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लखनऊ छठें स्थान पर

अब गर्भवती महिलाओं में 91 प्रतिशत से ज्यादा IFA कवरेज है। स्कूली बच्चों और किशोरियों के लिए पहुंच मजबूत हो रही है। लखनऊ 18वें स्थान से ऊपर उठकर छठें स्थान पर पहुंच गया है। दूसरे स्थान पर अमरोहा है जो अप्रैल 2024 में 10वें पायदान पर था। हापुड़ एएमबी स्कोर बोर्ड में 36वें से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।  

इन जिलों में भी स्थिति हुई बेहतर 

रिपोर्ट के मुताबिक, बीते एक साल में सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या, गोरखपुर, आजमगढ़, कानपुर नगर, प्रतापगढ़, जौनपुर, कानपुर देहात, महराजगंज, हाथरस, मैनपुरी, उन्नाव, हरदोई, मिर्जापुर, मथुरा, हमीरपुर, जालौन, अलीगढ़, गाजियाबाद में भी एनीमिया मुक्त भारत अभियान की स्थिति बेहतर हुई है। ज्यादा महिलाओं व बच्चों ने आईएफए का सेवन किया है। 

मूवमेंट को बढ़ा रहे स्थानीय चैंपियन

बिजनौर की 17 साल की अंशु इस बदलाव की मिसाल हैं। मैं हर सोमवार को स्कूल में आयरन-फालिक एसिड की गोली लेती हूं। अब मैं ज़्यादा मज़बूत महसूस करती हूं और मुझे बहुत कम चक्कर आते हैं। यह रूटीन बन गया है जिसने मेरी ज़िंदगी बदल दी है। उनकी जैसी कहानियों के पीछे समर्पित आशा और एएनएम कार्यकर्ता हैं। 

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काकोरी की आशा कार्यकर्ता ने पेश की मिसाल

काकोरी की आशा कार्यकर्ता रूबी कमिटमेंट की मिसाल पेश करती हैं। घर-घर जाकर IFA टैबलेट बांटती हैं और नारा देती हैं, जब मां और बेटी स्वस्थ होती हैं तो पूरा परिवार खुश रहता है। वह वॉलंटियर ग्रुप, प्रधान और महिला समितियां आस-पड़ोस में इकट्ठा करती हैं। पारदर्शिता रखती हैं और जरूरी ज़िलों में 90 से अधिक कवरेज हासिल करती हैं।

पॉलिसी रिफॉर्म से बढ़ी कवरेज और गुणवत्ता

एनएचएम की मिशन निदेकश डॉ. पिंकी जोवेल ने कहा कि यह एक मिली-जुली कोशिश है। पॉलिसी रिफॉर्म से कवरेज और गुणवत्ता बढ़ी है। राज्य का एवरेज AMB इंडेक्स 56.9 है, जिसमें गर्भवती महिलाओं में 95% कवरेज है, जो एक बड़ी पॉलिसी उपलब्धता है। हालांकि, 6-59 महीने के बच्चों के लिए कवरेज 4.9 प्रतिशत पर है, जो बचपन में न्यूट्रिशन इंटरवेंशन को तेज करने की जरुरत को दिखाता है।

गुणवत्ता और अनुपालन पर जोर

मिशन निदेशक ने जोर दिया कि फोकस सिर्फ कवरेज बढ़ाने से आगे बढ़कर गुणवत्ता और अनुपालन पक्का करने पर होना चाहिए। यह जिला स्तर पर लगातार निगरानी और मजबूत अंतर विभागीय समन्वय से हासिल किया जाएगा। इसके समर्थन के लिए, AMB सूचकांक की निरंतर समीक्षा करके और स्वास्थ्य, शिक्षा और आईसीडीएस विभाग के बीच समन्वय को बढ़ावा देकर समुदायिक जागरूकता बढ़ाने की कोशिशें चल रही हैं। खासकर ग्रामीण स्वास्थ्य, सैनिटेशन और न्यूट्रिशन डे जैसी पहलों के जरिए।

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एनीमिया उन्मूलन में सामुदायिक भागीदारी अहम

एनएचएम के जनरल मैनेजर, डॉ. मिलिंद वर्धन कहते हैं कि एनीमिया के खिलाफ लड़ाई असल में महिलाओं के सशक्तीकरण और समावेशी विकास के बारे में है। जब डेटा, पॉलिसी और समुदाय एक साथ आते हैं, तो बदलाव जरूर होता है। हमने UNICEF और UPTSU के समर्थन से बाद वाला हासिल किया है।

एनीमिया मुक्त भारत में उत्तर प्रदेश की प्रोग्रेस 

•    स्टेट एवरेज इंडेक्स: 56.9
•    टॉप-परफॉर्मिंग जिले : कौशांबी (72.0), अमरोहा (71.6), हापुड़ (71.3), बिजनौर (70.2), बागपत (69.2), लखनऊ (67.9)
•    एस्पिरेशनल जिले: श्रावस्ती (86.3), बलरामपुर (68.4)
•    गर्भवती महिलाओं में IFA कवरेज: 95%
•    कम उम्र की लड़कियों (10–19 साल) में कवरेज: 63.4%

आगे का रास्ता

अगला फोकस क्वालिटी, कम्प्लायंस और शुरुआती बचपन के न्यूट्रिशन को मजबूत करने पर है। बेहतर डिस्ट्रिक्ट-लेवल मॉनिटरिंग, डिजिटल डैशबोर्ड, हेल्थ और एजुकेशन सिस्टम का मिलना और कम्युनिटी में ज़्यादा अवेयरनेस से तेज़ी से सुधार हो रहा है। लगातार टीमवर्क और इनोवेशन के साथ, उत्तर प्रदेश एनीमिया मुक्त भारत के लिए एक नया बेंचमार्क सेट कर रहा है।

Health News | Anaemia Free India Campaign

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