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उत्तराखंड की लोक गायिका पद्मश्री बसंती बिष्ट को मिलेगा लोक निर्मला सम्मान Photograph: (YBN)
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध लोक गायिका बसंती बिष्ट को सोनचिरैया का लोकनिर्मला सम्मान 2025 से नवाजा जाएगा। 18 मार्च यह आयोजन गोमती नगर स्थित उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी परिसर में शाम छह बजे होगा। उत्तराखंड में गाए जाने वाले मां भगवती नंदा के जागरों के लिए प्रसिद्ध 72 वर्षीय डॉ. बसंती बिष्ट ने उत्तराखंड राज्य के लिए हुए आंदोलन के दौरान अपने गीतों से जनजागरण तक किया था। केन्द्र सरकार ने साल 2017 में उन्हें पद्मश्री से अलंकृत किया गया था।
अभी तक इनको मिला लोक निर्मला सम्मान
सोनचिरैया की अध्यक्ष और वरिष्ठ कवयित्री पद्मश्री डॉ. विद्या विंदु सिंह ने सोमवार को बताया कि संस्था ने देश में पहली बार महिला लोक कलाकारों के लिए एक राष्ट्रीय पुरस्कार 'लोकनिर्मला' शुरू किया। इस साल यह पुरस्कार प्रसिद्ध लोक गायिका पद्मश्री से सम्मानित डॉ. बसंती बिष्ट को लोक परंपराओं के प्रति उनके आग्रह एवं समर्पण के लिए दिया जा रहा है। पहला लोक निर्मला सम्मान पद्मभूषण तीजन बाई को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया। दूसरा सम्मान लोक निर्मला सम्मान पद्मश्री गुलाबो सपेरा को, तीसरा सम्मान पद्मभूषण शारदा सिन्हा को, चौथा सम्मान पुरस्कार कर्नाटक की प्रतिष्ठित लोक कलाकार पद्मश्री मजम्मा जोगती को प्रदान किया गया था। बीते साल यह सम्मान प्रसिद्ध कजरी गायिका पद्मश्री उर्मिला श्रीवास्तव को दिया गया था।
ग्रामीण अंचलों में लोक कलाओं की पुनर्स्थापना का मिशन
सोनचिरैया की सचिव और प्रसिद्ध लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने बताया कि बीते कई वर्षों से सोनचिरैया भारत की विभिन्न लोक कलाओं के संरक्षण के लिए अनवरत कार्य कर रही है। देशभर के विभिन्न अंचलों में कलाकारों के साथ लोक कलाओं की पुनर्स्थापना के लिए अनेक प्रयास अनवरत चल रहे हैं। दूर सुदूर ग्रामीण अंचलों में अनेक कार्यशालाओं, कार्यक्रमों और सेमिनार के माध्यम से लोककलाओं को आज के समय की प्रासंगिकता के साथ समाज और विशेषकर युवाओं के सामने लाया जा रहा है। लोक निर्मला सम्मान लोक कलाओं के लिए दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार है।