लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। यूपी में निलंबित चल रहे आईएएस अभिषेक प्रकाश पर शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। उनके खिलाफ विजिलेंस विभाग की ओर से की जा रही खुली जांच की आंच अब लखनऊ विकास प्राधिकरण तक पहुंंच गई है। विजिलेंस की जांच टीम उनकी संपत्ति, निवेश और आय-व्यय का ब्योरा खंगालने में जुट गई है। इसी क्रम में विजिलेंस ने एलडीए को पत्र भेजकर आरोपी अधिकारी आईएएस अभिषेक प्रकाश व उनके परिजनों के नाम से अचल संपत्ति का ब्यौरा मांगा है।
सात दिन में मांगी गई अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां
उप्र सतर्कता अधिष्ठान के सीआईएस पुलिस अधीक्षक की ओर से एलडीए के उपाध्यक्ष के नाम से पत्र भेजा गया है। इसके अनुसार अभिषेक प्रकाश, आईएएस, तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी इन्वेस्ट, यूपी के विरूद्ध परिसंपत्ति की खुली जांच की जा रही है। इस मामले में बिहारी निवासी आईएएस अभिषेक प्रकाश व उनके परिजन पत्नी विजय लक्ष्मी, पिता ओम प्रकाश, माता विभा सिन्हा व भाई वैभव प्रकाश के नाम से यदि कोई अचल संपत्ति जिसमें प्लाट, भूमि, मकान व व्यवसायिक प्रतिष्ठान इत्यादि का क्रय व विक्रय किया गया है तो उन अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां सात दिन में मांगी हैं।
कैसे होती है विजिलेंस की खुली जांच
विजिलेंस विभाग शासन के आदेश पर लोकसेवक की संपत्तियों, निवेश और आय-व्यय का विश्लेषण करता है। इस दौरान आरोपी के बयान भी दर्ज किए जाते हैं। खुली जांच में न कोई मुकदमा दर्ज किया जाता है और न ही कोई कानूनी कार्रवाई होती है। जांच पूरी होने के बाद विजिलेंस अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपता है। यदि पर्याप्त साक्ष्य मिलते हैं, तो शासन की अनुमति से एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू की जाती है।