लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
लखनऊ के सरोजनी नगर तहसील में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान माती गांव के कुछ ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को लेकर विरोध दर्ज कराया। दलित समुदाय के लोगों ने डीएम की गाड़ी के सामने बैठकर प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि प्रशासन ने 70 परिवारों के पुराने और जर्जर हो चुके मकानों के पुनर्निर्माण पर रोक लगा दी है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से राहत की मांग की
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बताया कि वे पिछले 100 वर्षों से अधिक समय से यहां रह रही हैं। अब उनके घर जर्जर हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने उनके पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं दी, जिससे वे बेहद परेशान हैं। प्रदर्शन के दौरान एसडीएम ने लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्या की जांच कराई जाएगी। डीएम विशाख जी ने भी इस संबंध में अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने और सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटाने के निर्देश दिए। इसके लिए तहसील स्तर पर एक विशेष टीम गठित करने की बात कही गई।
लेखपालों पर कार्यशैली को लेकर सवाल
संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान सरोजनी नगर तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलेश प्रताप सिंह ने लेखपालों पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि लेखपाल आम लोगों की समस्याओं की अनदेखी कर प्रॉपर्टी डीलरों से सांठगांठ में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई महत्वपूर्ण फाइलें, जिनमें भूमि बंटवारे से संबंधित मामले भी शामिल हैं, बिना समाधान के लंबित पड़ी हैं। उन्होंने लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात लेखपालों का तबादला करने की मांग की।
अधिकारियों की मौजूदगी
इस समाधान दिवस में सीडीओ अजय जैन, एडीएम वित्त एवं राजस्व राकेश कुमार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट ज्ञानचंद गुप्ता, एसीपी कृष्णा नगर सौम्या पांडेय और सरोजनी नगर एसडीएम सचिन वर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।