Lucknow News : वित्त वर्ष 2025-2026 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश कर दिया है। बजट पेश होते ही देशभर से अलग अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी है। सत्ता पक्ष और विपक्ष भी एक दूसरे पर बजट को लेकर आमने सामने है। वहीं देश की रीढ़ कहे जाने वाले किसान भी इस बजट पर अपनी राय रख रहे है। किसानों के बड़े संगठन भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है।
किसानों की चार मांगे पूरी नहीं होने पर मायूसी
भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि आज भारत सरकार द्वारा बजट 2025 पेश किया गया। बजट में मिडिल क्लास,सर्विस सेक्टर की चिंता खूब दिखी लेकिन किसान की चिंताओं को केवल शब्दों तक सीमित कर दिया है। धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि इसमें करेंगे, कर रहे है जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। किसान को बजट से चार उम्मीदें थी जिसमें किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, किसान सम्मान निधि को दोगुना किए जाने, फसल बीमा योजना में किसान के अंशदान को सुनाए जाने जैसे विषयों को सरकार ने छुआ तक नहीं है।
सस्ती कर्ज़ सीमा बढ़ाने का किया स्वागत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि किसान को सस्ते कर्ज की सीमा बढ़ाने का किसान स्वागत करते है।उन्होंने कहा कि यह एक रूटीन बजट है इससे किसान का कल्याण होगा ऐसा कहना उचित है। उन्होंने कहा कि जो चल रहा है उसे ही आगे बढ़ाने का यह बजट है। ग्रामीण और किसान की अर्थव्यवस्था को 10 हजार लाख करोड़ के बूस्टर डोज की जरूरत थी। इससे शहर एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था की दूरी को कम किया जा सकता है। धर्मेंद्र मलिक ने बजट में क्रेडिट कार्ड की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने के फैसले को अच्छा कदम बताया।