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महिलाओं की सुरक्षा को संबल देंगे शक्ति सदन
उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण और पुनर्वास को लेकर अहम पहल करने जा रही है। राज्य सरकार 'मिशन शक्ति' योजना के अंतर्गत प्रदेश के 10 जनपदों में शक्ति सदन की स्थापना करने जा रही है, जो संकटग्रस्त, घरेलू हिंसा की शिकार, आपदा प्रभावित और बेसहारा महिलाओं के लिए राहत केंद्र के रूप में कार्य करेंगे। इन शक्ति सदनों का संचालन जल्द शुरू किए जाने की तैयारी है। सरकार ने इस परियोजना के लिए 127.72 लाख रुपये की धनराशि भी मंजूर कर दी है।
आत्मनिर्भरता का केंद्र बनेंगे शक्ति सदन
प्रदेश अब महिलाओं के लिए न केवल सुरक्षित हो रहा है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की ठोस बुनियाद भी रखी जा रही है। यह योजना केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से 60:40 के अनुपात में चलाई जा रही है। यह योजना भारत सरकार मिशन शक्ति की उप योजना सामर्थ्य के तहत संचालित की जाएगी। इसके अंतर्गत अलीगढ़, आजमगढ़, कानपुर नगर, चित्रकूट, झांसी, बस्ती, गोंडा, मिर्जापुर, वाराणसी और सहारनपुर जनपदों में प्रत्येक में 50 महिलाओं की क्षमता वाले एक-एक नवीन शक्ति सदन स्थापित किए जाएंगे।
व्यावसायिक प्रशिक्षण से महिलाएं बनेंगी सशक्त
इन शक्ति सदनों का उद्देश्य सिर्फ एक सुरक्षित आश्रय स्थल प्रदान करना नहीं, बल्कि महिलाओं को समुचित संसाधनों और आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस मार्गदर्शन देना है। इन सदनों में निवास कर रहीं महिलाओं को निःशुल्क आवासीय सुविधा, पोषणयुक्त भोजन, वस्त्र, बिस्तर और व्यक्तिगत उपयोग की अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस योजना की खास बात यह है कि यहां संवासिनियों को न केवल मानसिक, शारीरिक और कानूनी सहायता मिलेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु योग्यता अनुसार व्यावसायिक और कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, कंप्यूटर प्रशिक्षण, कानूनी सहायता, योग और व्यक्तिगत परामर्श जैसी सेवाएं शामिल हैं, जिससे महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होकर समाज में आत्मसम्मान से जीवन जी सकें।
ग्रामीण महिलाओं के लिए बनेगा संबल
नारी सशक्तीकरण की दिशा में सरकार का यह कदम अहम है। विशेषकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की महिलाएं, जो अक्सर घरेलू हिंसा या पारिवारिक उपेक्षा का शिकार होती हैं, उनके लिए यह शक्ति सदन एक संबल और आत्मविश्वास का स्रोत बनेंगे। योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही यह योजना एक समावेशी, न्यायपूर्ण और सुरक्षित समाज की दिशा में एक प्रभावशाली पहल है।