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टीबी, HIV-वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण पर कार्यशाला, UPSACS निदेशक बोले-समन्वय से मिलेगी सफलता

यूपी राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी (यूपीसैक्स) के अपर परियोजना निदेशक रविंद्र कुमार ने कहा कि टीबी, एचआईवी और वायरल हेपेटाइटिस कार्यक्रमों में समन्वय बहुत जरूरी है।

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Abhishek Mishra
UPSACS

टीबी, HIV Viral—हेपेटाइटिस नियंत्रण पर कार्यशाला

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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एचआईवी और टीबी नियंत्रण कार्यक्रमों के बीच समन्वय मजबूत करने के उद्देश्य से राजधानी में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में यूपी राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी (यूपीसैक्स) के अपर परियोजना निदेशक रविंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश ने 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान में देशभर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। अगर इसी तरह समन्वय बनाकर काम किया जाए तो टीबी के साथ एचआईवी, वायरल हेपेटाइटिस को भी काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) और यूपीसैक्स के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। जिसमें प्रदेश के सभी जिला क्षय अधिकारी (डीटीओ) शामिल हुए।

सघन टीबी अभियान में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार

स्टेट टीबी अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने कहा कि प्रदेश को 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार मिला है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि गर्व की बात है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। अब हमें उन कमियों को दूर करना होगा जो अभियान में रह गई थीं।ताकि 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य पूरा किया जा सके। स्टेट सर्विलांस अफसर एवं संचारी रोग नोडल डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने कहा कि जिला स्तर पर आयोजित होने वाले स्वास्थ्य शिविरों में टीबी, एचआईवी और वायरल हेपेटाइटिस की जांच अनिवार्य रूप से की जाए। इससे मरीजों को समग्र स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी।

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36 जिला क्षय अधिकारियों ने लिया भाग 

कार्यशाला के पहले दिन 36 जिला क्षय अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान यूपीसैक्स और पीएचएफआई टीम के प्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य एचआईवी और टीबी नियंत्रण कार्यक्रमों के बीच तालमेल बढ़ाना और जिला स्तर पर एड्स नियंत्रण कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी बनाना है।

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