- देश में 3.5 करोड़ और प्रदेश में 60 लाख लोग अस्थमा रोगी
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत (Dr Suryakant) ने बताया कि अस्थमा पीड़ित महिलाओं को झाड़ू और सब्जी में छौंक लगाने से बचना चाहिए। इन कामों से उनकी दिक्कत बढ़ सकती है। उन्होंने बताया कि देश में करीब 3.5 करोड़ लोग और प्रदेश में लगभग 60 लाख लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। विभागाध्यक्ष ने बताया कि कि विश्व अस्थमा दिवस हर साल को मई माह के पहले मंगलवार को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना है।
अस्थमा में इन्हेलर फायदेमंद
डॉ. सूर्यकांत के अनुसार, अस्थमा सांस सम्बन्धी बीमारी है। इसमें सांस की नली में सूजन और संकुचन हो जाता है। जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। अस्थमा में इन्हेलर का इस्तेमाल फायदेमंद है। बीमारी के दौरे मरीज और उसके तीमारदारों के लिए परेशानी का सबब बनते हैं। इसके कारण मरीज को अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। इन्हेल्ड कोर्टिकोस्टेरॉयड युक्त दवाएं अस्थमा का कारण बनने वाली सूजन का इलाज कर दौरे को रोकती हैं।
कॉस्मेटिक, डियोडरेंट से बनाएं दूरी
विभागाध्यक्ष ने अस्थमा से बचाव के लिए कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने बताया कि अस्थमा रोगियों को पराग के कण, चूल्हे पर खाना बनाते समय और छौंक के समय निकलने वाला धुआं सहित अन्य किसी भी तरह के धुएं, ठंडी हवा, जानवरों की रूसी, धूल आदि से बचना चाहिए। विशेष तौर पर अस्थमा पीड़ित महिलाएं न झाड़ू लगाएं और न ही सब्जी में छौंक। इसके अलावा कॉस्मेटिक, डियोडरेंट और तेज महक वाली चीजों से दूरी बनाकर रखें।
अस्थमा रोगी घर में न पालें पक्षी और जानवर
डॉ. सूर्यकांत के अनुसार, अस्थमा मरीजों को फर वाली चीजों जैसे टेडी आदि से दूरी बनानी चाहिए। घर में जानवर, पक्षियों को नहीं पालें। इसके साथ ही घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। सीलन, धूल, जाले वगैरह नहीं होने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि स्वस्थ जीवन शैली अपनायें, संतुलित एवं पौष्टिक भोजन, हल्का व्यायाम, पर्याप्त नींद लें और तनाव से दूरी बनायें। अपने चिकित्सक की सलाह का पालन करें और जो भी इनहेलर और दवाएं बताई हैं उनका नियमति पालन करें।
अस्थमा के प्रमुख कारण
- धूल, धुआं, प्रदूषण, परागकण आदि।
- परिवार में किसी को अस्थमा होने पर इसकी संभावना अधिक होती है।
- एलर्जी और श्वसन संबंधी संक्रमण जैसे सर्दी, फ्लू, या एलर्जी से ग्रसित होना।
- अत्यधिक या लंबे समय तक व्यायाम करना खासकर ठंडी या शुष्क हवा में।
- कुछ दवाओं का सेवन।
- अत्यधिक ठंड या ठंडी चीजों का सेवन।
अस्थमा के लक्षण
- सांस लेने में कठिनाई।
- बलगम वाली या सूखी खांसी।
- सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज (व्हीज़िंग)।
- छाती में भारीपन या जकड़न।
- थकान, व्यायाम करते समय सांस फूलना।