Advertisment

Mahakumbh में बना रिकार्ड : 60 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई पावन डुबकी, भूटान नरेश समेत 73 देशों के राजनयिकों ने किया स्नान

प्रयागराज की पवित्र धरती पर 13 जनवरी से चल रहे इस दिव्य महाकुंभ में अब तक 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर सनातन आस्था की अनूठी मिसाल पेश कर चुके हैं।

author-image
Abhishek Mishra
महाकुंभ 2025

60 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में लगाई पवित्र डुबकी

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

Advertisment

महाकुंभ इस बार विश्व इतिहास में नया रिकॉर्ड स्थापित करते हुए एक नई ऊंचाई पर पहुंच चुका है। तीर्थराज प्रयागराज की पवित्र धरती पर 13 जनवरी से चल रहे इस दिव्य महाकुंभ में अब तक 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर सनातन आस्था की अनूठी मिसाल पेश कर चुके हैं। यह संख्या किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मानवता की सबसे बड़ी सहभागिता बन चुकी है, जो पूरी दुनिया में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में दर्ज की जाएगी। महाकुंभ का यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक एकता के प्रतीक के रूप में सामने आया है।

दुनिया के आधे से ज्यादा सनातन धर्मावलंबियों ने लिया पवित्र स्नान

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी संख्या देखकर यह कहना भी गलत नहीं होगा कि इस बार के महाकुंभ ने धार्मिक दृष्टिकोण से पूरी दुनिया को मोहित कर लिया है। वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू और प्यू रिसर्च के मुताबिक, दुनिया भर में कुल सनातन धर्म के अनुयायी 120 करोड़ हैं, जिसमें भारत में इनकी संख्या लगभग 110 करोड़ है। इस आंकड़े के हिसाब से महाकुंभ में अब तक 50 प्रतिशत से भी अधिक सनातन धर्मावलंबियों ने त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया है। अगर हम भारत की कुल जनसंख्या से तुलना करें, तो यह संख्या 55 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है।

Advertisment

45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की थी संभावना 

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की शुरुआत से पहले ही यह अनुमान जताया था कि इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या एक नया रिकॉर्ड बनाएगी। उन्होंने शुरुआत में ही 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई थी, जो 11 फरवरी को ही सच साबित हो गया था। इसके बाद 22 फरवरी को यह आंकड़ा 60 करोड़ से भी ऊपर पहुंच चुका है। वहीं, अब तक महाकुंभ के समापन में पांच दिन बाकी हैं और महत्वपूर्ण महाशिवरात्रि के स्नान पर्व का आयोजन होना है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि श्रद्धालुओं की संख्या 65 करोड़ तक पहुंच सकती है।

कुंभ में पहुंचने वाले विदेशी अतिथियों की बड़ी संख्या

Advertisment

महाकुंभ ने न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर से श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है। इस महाआयोजन में 73 देशों के राजनयिक और भूटान के नरेश नामग्याल वांगचुक समेत कई देशों के अतिथि शामिल हुए। इसके अलावा नेपाल से 50 लाख से अधिक लोग इस महाकुंभ का हिस्सा बने और त्रिवेणी संगम में स्नान किया। इस बार का महाकुंभ धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक एकता की मिसाल बनकर उभरा है।

स्नान पर्वों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की विशाल भीड़

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या का विश्लेषण किया जाए तो विभिन्न स्नान पर्वों पर लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचे। सबसे बड़ी भीड़ मौनी अमावस्या के दिन देखी गई, जब लगभग 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई। इसके बाद मकर संक्रांति के अवसर पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया। पौष पूर्णिमा, बसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण पर्वों पर भी श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और आस्था से त्रिवेणी में स्नान किया। खासकर बसंत पंचमी के दिन 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई, जबकि माघी पूर्णिमा पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालु इस पवित्र स्नान के साक्षी बने।
 

Advertisment

सरकार के प्रयासों से संभव हुआ ऐतिहासिक आयोजन

महाकुंभ का यह आयोजन सरकार के नेतृत्व में किए गए सुव्यवस्थित प्रयासों का परिणाम है। सरकार ने न केवल इस आयोजन को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए कड़ी मेहनत की, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की। प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, परिवहन, सुरक्षा और अन्य सुविधाएं प्रदान की हैं, जिससे इस महाकुंभ का आयोजन सफल और स्मरणीय बन सका है।

आने वाले दिनों में संख्या में और वृद्धि की संभावना

महाकुंभ का समापन महाशिवरात्रि के साथ 26 फरवरी को होने वाला है, और इस दिन स्नान करने के लिए लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। यदि इस अंतिम दिन की भीड़ के साथ श्रद्धालुओं की संख्या का आंकड़ा और बढ़ता है, तो यह महाकुंभ और भी ऐतिहासिक रूप से चमत्कारी साबित हो सकता है।

Advertisment
Advertisment