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Mahakumbh 2025 : सीएम योगी बोले-2013 कुंभ में हुई अव्यवस्थाओं के जिम्मेदार आज महाकुंभ 2025 की कर रहे आलोचना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा सत्र में महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर जानकारी दी। उन्होंने 2013 के समाजवादी पार्टी शासनकाल में आयोजित कुंभ में हुई भ्रष्टाचार का उल्लेख करते हुए कहा कि 2025 का महाकुंभ दिव्य-भव्य आयोजन होगा।

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Abhishek Mishra
Chief Minister Yogi Adityanath

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र में महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने 2013 के समाजवादी पार्टी शासनकाल में आयोजित कुंभ में हुई अव्यवस्थाओं और भ्रष्टाचार का उल्लेख करते हुए कहा कि 2025 का महाकुंभ पूरी तरह से योजनाबद्ध, सुरक्षित और दिव्य-भव्य आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि यह आयोजन उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक शक्ति और भारत के गौरव का प्रतीक बनेगा।

2013 और 2025 के आयोजन की तुलना

मुख्यमंत्री ने बताया कि 2013 में आयोजित कुंभ महज 5000 एकड़ के क्षेत्र में सीमित था, जबकि 2025 में इसका विस्तार 10,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में किया गया है। 2013 में 14 सेक्टर बनाए गए थे, जबकि इस बार 25 सेक्टरों में आयोजन होगा। पार्किंग क्षेत्र को भी दोगुना से अधिक बढ़ाते हुए 1850 हेक्टेयर तक विस्तारित किया गया है, जहां 6 लाख से अधिक चार पहिया वाहनों की पार्किंग सुविधा उपलब्ध होगी।

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परिवहन सुविधाओं में सुधार

परिवहन व्यवस्था को लेकर भी बड़ा सुधार किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 2013 में श्रद्धालुओं के लिए शटल बसों की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस बार 550 शटल बसें और 7000 रोडवेज बसें तैनात की जाएंगी। प्रयागराज में बस स्टैंड की संख्या तीन से बढ़ाकर सात कर दी गई है। सड़क चौड़ीकरण के तहत 200 से अधिक सड़कों को चौड़ा किया गया है।

गंगा और यमुना की स्वच्छता पर विशेष ध्यान

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मुख्यमंत्री ने कहा कि 2013 के दौरान गंगा और यमुना की स्वच्छता की स्थिति इतनी खराब थी कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने गंगा में स्नान करने से इनकार कर दिया था। इस बार 81 नालों को टेप करके 261 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट की व्यवस्था की गई है। संगम के जल की गुणवत्ता यूपी पॉल्यूशन बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड द्वारा मानकों के अनुरूप पाई गई है। संगम का जल अब स्नान और आचमन दोनों के लिए उपयुक्त है।

डिजिटल सेवाओं का समावेश

महाकुंभ 2025 में पहली बार डिजिटल तकनीक का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैटबॉट्स 11 भाषाओं में उपलब्ध होंगे। डिजिटल एक्सपीरियंस सेंटर की स्थापना की गई है, और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए क्यूआर कोड जारी किए गए हैं। सुरक्षा के लिए 2700 सीसीटीवी कैमरे और 20 ड्रोन तैनात किए गए हैं।

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शौचालय और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार

मुख्यमंत्री ने बताया कि 2013 में शौचालयों की भारी कमी थी, जहां एक शौचालय पर औसतन 900 लोगों को निर्भर रहना पड़ता था। 2025 के महाकुंभ में डेढ़ लाख से अधिक शौचालय, 2000 चेंजिंग रूम, 125 एंबुलेंस, 7 रिवर एंबुलेंस और 1 एयर एंबुलेंस तैनात की गई हैं। इसके अलावा 6000 बेड की सुविधा वाले अस्पतालों की भी व्यवस्था की गई है।

वित्तीय प्रबंधन और निवेश

2025 के आयोजन के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने कुल 7500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें से 1500 करोड़ रुपये आयोजन के लिए और शेष राशि प्रयागराज के इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार पर खर्च की गई है। प्रयागराज में पहले केवल दो एयरोड्रम थे, जिन्हें अब बढ़ाकर छह कर दिया गया है। अब तक 750 से अधिक फ्लाइट्स और चार्टर एयरक्राफ्ट प्रयागराज में उतर चुके हैं। रेलवे ने भी 3000 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है।

2013 के कुंभ में भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाएं

योगी आदित्यनाथ ने 2013 के कुंभ में भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने उस समय 1141.63 करोड़ रुपये और राज्य सरकार ने 10.57 करोड़ रुपये खर्च किए थे, लेकिन 59 प्रतिशत कार्य मेले के शुरू होने तक पूरे नहीं हो सके थे। कैग की 2014 की रिपोर्ट के अनुसार, कई ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया और करोड़ों रुपये की सामग्री बिना किसी आवश्यकता के खरीदी गई। शौचालयों की कमी और पेयजल की गुणवत्ता की उपेक्षा के कारण श्रद्धालुओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।

भारत की सांस्कृतिक शक्ति का प्रदर्शन

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ 2025 भारत की सांस्कृतिक शक्ति और सनातन संस्कृति के गौरव को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करेगा। आयोजन में राष्ट्रपति, उद्योगपति, न्यायाधीश, सेलेब्रिटी और आम नागरिक भाग लेंगे। मुख्यमंत्री ने महाकुंभ की आलोचना करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग झूठा प्रचार कर रहे हैं, जबकि वे भी स्नान करने आ रहे हैं।

सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण

सुरक्षा के लिए 75,000 से अधिक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए गए हैं। सिंगल-यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जल पुलिस का नया बेड़ा भी तैनात किया गया है।

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