Advertisment

Mahakumbh 2025: त्रिवेणी जल पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और सीएम योगी आमने-सामने

Mahakumbh 2025: ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने त्रिवेणी के जल की शुद्धता पर सवाल उठाए हैं और प्रशासन से इसका वैज्ञानिक प्रमाण मांगा है।

author-image
Kamal K Singh
Mahakumbh 2025

Photograph: (google )

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

प्रयागराज, वाईबीएन नेटवर्क।

Advertisment

Mahakumbh 2025: प्रयागराज के संगम में साधु-संतों के अमृत स्नान के साथ 13 जनवरी को महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो गई है। लेकिन कुंभ शुरू होने के साथ ही एक नई बहस ने जन्म ले लिया है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने त्रिवेणी के जल की शुद्धता पर सवाल उठाए हैं और प्रशासन से इसका वैज्ञानिक प्रमाण मांगा है। उन्होंने कहा, "यह जानना होगा कि संगम का जल पीने और स्नान के लिए शुद्ध है या नहीं।

शंकराचार्य के इस सवाल के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, सीएम ने कहा: मैंने खुद संगम के जल में स्नान किया है और आचमन किया है, यह जल पूरी तरह से शुद्ध और स्नान के लिए उपयुक्त है। उन्होंने आगे कहा कि "मैं खुद पिछले तीन महीनों में कई बार संगम गया हूं, वहां स्नान किया है और आचमन भी किया है। मेरा स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है, ऐसा लगता है कि कुछ लोग दुष्प्रचार का ठेका लेकी बैठे हैं। 

संगम के पानी को लेकर मुख्यमंत्री ने क्या दावा किया है?

Advertisment

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजाद भारत में पहली बार संगम में इतना स्थिर जलस्तर देखने को मिला है। गंगा और यमुना का जलस्तर 10300 क्यूबिक मीटर से भी ज्यादा है। यह इस बात का प्रमाण है कि श्रद्धालु जहां चाहें स्नान कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से आग्रह करते हुए कहा कि वे त्रिवेणी के पवित्र जल में अपनी आस्था बनाए रखें। उन्होंने कहा, "त्रिवेणी का पवित्र जल हमारी आस्था और संस्कृति का प्रतीक है। यह सिर्फ एक नदी नहीं है, बल्कि हमारी परंपराओं और मान्यताओं का अभिन्न अंग है। मैं सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध करता हूं कि वे बिना किसी झिझक और चिंता के इस पवित्र जल में स्नान करें और इसका आचमन करें। यह जल न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि हमारी आस्था और विश्वास को भी मजबूत करता है।"

Advertisment
Advertisment